कश्मीर मसले का सियासी हल निकालने की लड़ाई जारी रहेगी : फारूक अब्दुल्ला

कश्मीर मसले का सियासी हल निकालने की लड़ाई जारी रहेगी : फारूक अब्दुल्ला

श्रीनगर
गुपकार घोषणा का नाम बदलकर पीपुल्स अलायंस फॉर गुपकार डिक्लेरेशन किया
फारूक अब्दुल्ला के घर आयोजित ऑल पार्टी मीटिंग से कांग्रेस ने बनाई दूरी
महबूबा, सज्जाद लोन, उमर,मीर और तारिगामी समेत कई नेता शामिल

जम्मू-कश्मीर में पांच अगस्त 2019 से पूर्व की स्थिति की बहाली के लिए वीरवार को पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती, पीपुल्स कांफ्रेंस अध्यक्ष सज्जाद लोन, पीपुल्स मूवमेंट के नेता जावेद मीर और सीबीआईएम नेता मोहम्मद यूसुफ तारिगामी ने गठबंधन बनाने का फैसला किया। नेकां अध्यक्ष डॉक्टर फारूक अब्दुल्ला के आवास पर बुलाई गई इस बैठक में गुपकार डिक्लेरेशन का नाम बदलकर पीपुल्स अलायंस फॉर गुपकार डिक्लेरेशन कर दिया गया। इस बैठक में कांग्रेस को भी आमंत्रित किया गया था परंतु उनका कोई प्रतिनिधि इस बैठक में शामिल नहीं हुआ।

बैठक के बाद मीडिया से बात करते हुए डॉ, फारूक अब्दुल्ला ने आल पार्टी मीटिंग में हुई चर्चा के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि हमारे जो हक छीने गए हैं उन्हें वापस लेने की सांविधानिक लड़ाई जारी रहेगी। सभी हितधारकों से बातचीत कर कश्मीर मसले का सियासी हल निकालने की भी बात की जाएगी। आगामी दिनों में सभी पार्टियां फिर मिलेंगी और आगे की रणनीति पर विचार-विमर्श किया जाएगा।
फारूक ने कहा कि पीडीपी अध्यक्ष 14 महीने के बाद महबूबा मुफ्ती को रिहा किया गया है। इसलिए जो लोग गुपकार घोषणा में शामिल थे उन्हें विचार-विमर्श करने के लिए बुलाया गया था। महबूबा की गिरफ्तारी अनुचित थी और हम चाहते हैं कि प्रदेश और देश की अन्य जेलों में बंद कैदियों को रिहा किया जाए। उन्होंने जम्मू कश्मीर के सियासी मसले को भी सुलझाने पर ज़ोर दिया।
-मेडिकल इमरजेंसी के कारण शामिल नहीं हुआ: मीर
इस बीच कांग्रेस का कोई भी नेता इस बैठक में शामिल नहीं हुआ। काँग्रेस अध्यक्ष ग़ुलाम अहमद मीर ने बताया कि मेडिकल इमरजेंसी के चलते वह बैठक में शामिल नहीं हो पा रहे हैं और इसकी जानकारी उन्होने डॉ फारूक अब्दुल्ला को दे दी है।

 

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