एससीए ने मुख्यमंत्री को सौंपी विवि प्रशासन के खिलाफ चार्जशीट

शिमला: हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय की एससीए ने पूर्व भाजपा सरकार के कार्यकाल में अनियमितताओं का आरोप लगाते हुए एक चार्जशीट तैयार कर मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह को सौंपी है। आज प्रदेश विश्वविद्यालय की एससीए ने मुख्यमंत्री से मुलाकात कर विश्वविद्यालय में पूर्व भाजपा सरकार के कार्यकाल में अनियमितताओं के आरोप लगाते हुए 11 पृष्ठ की चार्जशीट सौंपी। चार्जशीट सौंपने के साथ ही एससीए ने उचित कार्रवाई की मांग की।

चार्जशीट में एससीए ने कुल 14 बिंदुओं को शामिल किया है जिसमें विश्वविद्यालय में प्रशासनिक व वित्तीय अनियमितताओं को उजागर किया गया और कार्रवाई की भी मांग की गई। एससीए ने इस चार्जशीट के माध्यम से विश्वविद्यालय के वर्तमान कुलपति प्रो. एडीएन वाजपेयी पर भी आरोप लगाए हैं। मुख्यमंत्री ने चार्जशीट को स्टडी कर उचित कदम उठाने का आश्वासन दिया है। उन्होंने कहा कि यदि विश्वविद्यालय में अवैध तौर पर कोई नियुक्ति हुई है या फिर वित्तीय अनियमितताएं हुई हैं तो कड़ी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।

आज मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह को चार्जशीट सौंपने के बाद एससीए के अध्यक्ष राहुल चौहान व महासचिव विक्रम कायथ ने पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए कहा कि विश्वविद्यालय में पूर्व भाजपा सरकार के कार्यकाल में कई प्रशासनिक और वित्तीय अनियमितताएं सामने आई हैं जिनको लेकर एससीए ने समय-समय पर विश्वविद्यालय के अधिकारियों के समक्ष मामलों को रखा लेकिन विश्वविद्यालय प्रशासन की ओर से कोई उचित कदम नहीं उठाया गया।

उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय में पूर्व भाजपा सरकार के कार्यकाल में यूजीसी के नियमों को दरकिनार कर चहेतों की नियुक्तियां की गईं। विश्वविद्यालय स्थित आईआईएचएस में भी बैक डोर एंट्री से नियुक्तियां की गईं। इसके अलावा इक्डोल में गलत तरीके से नियुक्तियां हुई हैं। एससीए के अध्यक्ष राहुल चौहान के नेतृत्व में एससीए उपाध्यक्ष प्रियंका चौहान, महासचिव विक्रम कायथ तथा संयुक्त सचिव अनिल कुमार ने मुख्यमंत्री से मुलाकात की।

एससीए द्वारा सौंपी गई चार्जशीट के मुख्य बिंदु
– विवि में नियुक्तियों में अनियमितताओं का आरोप।
– विवि में असिस्टैंट प्रोफैसर की भर्ती प्रक्रिया में यूजीसी/एपीआई के नियमों को दरकिनार करने का आरोप।
– भाजपा के एक पदाधिकारी को विभिन्न चयन समितियों का सदस्य बनाए जाने पर सवाल।
– विवि में संविधान के नियमों को दरकिनार कर भर्ती प्रक्रिया अमल में लाने का आरोप।
– शिक्षा विभाग में असिस्टैंट प्रोफैसर की नियुक्ति में रूल्स एंड रिक्रूटमैंट पॉलिसी को दरकिनार किया गया।
– प्रोफैसर्स की नियुक्तियों में अनियमितताओं का आरोप।
– पदोन्नति प्रक्रिया में अनियमितताओं का आरोप।
– आईआईएचएस में अवैध नियुक्ति का आरोप।
– आरएसएस/भाजपा कैडर के लोगों की विश्वविद्यालय में अवैध नियुक्ति का आरोप।
– विश्वविद्यालय में शिक्षकों व कर्मचारियों की नियुक्तियों में भाई-भतीजावाद का आरोप।
– एससी/एसटी वर्ग के शिक्षकों के साथ भेदभाव का आरोप।
– नियमों के विरुद्ध जाकर ट्रांसफर प्रक्रिया अमल में लाने का आरोप।
– ईसी के गलत इस्तेमाल का आरोप।
– विश्वविद्यालय में वित्तीय अनियमितताओं का आरोप।
– विश्वविद्यालय के स्थापना दिवस पर फिजूलखर्च करने का आरोप।
– छात्र विरोधी निर्णय लेने का आरोप।

एससीए द्वारा सौंपी गई चार्जशीट को स्टडी करूंगा और यदि विश्वविद्यालय में विभिन्न प्रक्रियाओं में अनियमितताएं हुई हैं तो उचित कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।
वीरभद्र सिंह, मुख्यमंत्री, हिमाचल प्रदेश

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