एनजीटी सतलुज नदी में मलबा फेंकने पर सख्त, मामले की जांच के लिए कमेटी गठित

एनजीटी सतलुज नदी में मलबा फेंकने पर सख्त, मामले की जांच के लिए कमेटी गठित

नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने सतलुज नदी में मलबा फेंकने पर कड़ा संज्ञान लिया है। ट्रिब्यूनल ने मामले की जांच के लिए राज्य प्रदूषण बोर्ड और वन विभाग की संयुक्त कमेटी का गठन किया है। कमेटी को आदेश दिए गए हैं कि वह मौके पर जाकर जांच करे और यदि पर्यावरण नियमों का उल्लंघन पाया जाता है तो उस स्थिति में उपचारात्मक और निवारक कार्रवाई की जाए। चिंतला गांव की मीरा ठाकुर ने पत्र के माध्यम से एसजेवीएन पर सुन्नी में सुरंग का मलबा नदी में डालने का आरोप लगाया है। ट्रिब्यूनल के समक्ष शिकायत की गई है कि मरोला से चिंतला गांव तक सुरंग का निर्माण किया जा रहा है।

इस प्रोजेक्ट को सतलुज जल विद्युत निगम लिमिटेड करवा रहा है। सुरंग निर्माण से मलबे को सीधे सतलुज नदी में फेंका जा रहा है। नदी के साथ-साथ वन को भी नुकसान पहुंचाया जा रहा है। पत्र पर संज्ञान लेते हुए ट्रिब्यूनल ने हिमाचल प्रदेश राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और डीएफओ शिमला को इसकी जांच करने का जिम्मा सौंपा है। अपने आदेशों की अनुपालना के लिए ट्रिब्यूनल ने राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को जिम्मेदार ठहराया है। ट्रिब्यूनल ने दो माह के भीतर कार्रवाई रिपोर्ट भी तलब की है।

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