एनआईए ने आतंकी फंडिंग को लेकर की छापेमारी, जमात-ए-इस्लामी से जुड़े लोगों से पूछताछ

एनआईए ने आतंकी फंडिंग को लेकर की छापेमारी, जमात-ए-इस्लामी से जुड़े लोगों से पूछताछ

फरवरी में राज्य जांच एजेंसी (एसआईए) ने प्रतिबंधित संगठन जमात-ए-इस्लामी के अध्यक्ष अमीर अध्यक्ष और पांच अन्य सदस्यों से आठ घंटे तक पूछताछ की थी। एसआईए ने संगठन से जुड़े आधा दर्जन से अधिक लोगों को तलब भी किया था।

आतंकी फंडिंग मामले में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने बुधवार की सुबह जम्मू-कश्मीर के बारामुला जिले के पट्टन शहर में कई जगह छापे मारे। जिन जगहों पर कार्रवाई हुई उनमें जमात ए इस्लामिया के पूर्व जिलाध्यक्ष अब्दुल गनी वानी और पीर तनवीर का रिहायशी घर शामिल है।

इससे पहले फरवरी में राज्य जांच एजेंसी (एसआईए) ने प्रतिबंधित संगठन जमात-ए-इस्लामी के अध्यक्ष अमीर अध्यक्ष और पांच अन्य सदस्यों से आठ घंटे तक पूछताछ की थी। एसआईए ने संगठन से जुड़े आधा दर्जन से अधिक लोगों को तलब किया था।

सूत्रों के अनुसार विदेशी फंडिंग और जमात के विदेशी संचालन के अलावा उनसे जम्मू-कश्मीर में और प्रदेश से बाहर जमात-ए-इस्लामी की गतिविधियों के बारे में पूछताछ की गई। पूछताछ में जमात की संपत्तियां शामिल थीं, जिनका आतंकी फंडिंग से प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष संबंध था।

माना जाता है कि इसकी उत्पत्ति ब्रिटेन, कनाडा, बहरीन आदि सहित विदेशों में हुई है। एसआईए के अनुसार पूछताछ जेईआई से संबंधित मामले की एक जांच है, जो मूल रूप से श्रीनगर के बटमालू पुलिस थाने में दर्ज की गई थी। अब एसआईए इसकी जांच कर रही है।

एक अधिकारी ने बताया कि हाल ही के वीडियो और प्रेस विज्ञप्ति पर प्रतिबंधित जमात के विदेशी संचालन के बारे में पूछताछ की गई। जिन लोगों से पूछताछ की गई उनमें अब्दुल हमीद गनी (आखिरी सेवारत अमीर जमात), अब्दुल सलाम डग्गा (अमीर तहसील उत्तरी श्रीनगर) शामिल थे।

इसके अलावा पीर अब्दुल राशिद (रुक्न-ए-जमात), मुजफ्फर जान (जेईआई सदस्य), तारिक अहमद हारून (पदाधिकारी, पूर्व प्रभारी जमात कार्यालय) और मोहम्मद यूसुफ शेख (रुक्न-ए-जमात) शामिल हैं। इनके अलावा कुछ अन्य सहयोगियों को भी एसआईए ने तलब किया था।

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