- उइगर और अल्पसंख्यक मुस्लिमों पर अत्याचार में संलिप्तता को लेकर लिया फैसला
- और बिगड़ सकते हैं अमेरिका और चीन के बीच संबंध, पहले ही चल रहा है ट्रेड वार
- ब्लैकलिस्टेड कंपनियों में सर्विलांस और आर्टीफिशियल इंटेलीजेंस की कंपनियां शामिल
- इससे पहले अमेरिकी तकनीक की चोरी के आरोप में हुवावे के खिलाफ उठाया था कदम
अमेरिका के वाणिज्य विभाग के अनुसार इन संगठनों पर यह कार्रवाई चीन के शिनजियांग क्षेत्र में उइगर और अन्य अल्पसंख्यक मुस्लिमों के मानवाधिकारों का हनन करने में संलिप्तता के चलते लिया है। अमेरिका के वाणिज्य सचिव विलबर रॉस का कहना है कि अमेरिकी सरकार और वाणिज्य विभाग तीन में अल्पसंख्यकों का निर्मम उत्पीड़न न बर्दाश्त कर सकते हैं और न ही करेंगे।
विलबर ने कहा कि हमारे इस कदम से यह सुनिश्चित होगा कि व्यक्तिगत स्वतंत्रता और मुक्त उद्यम के वातावरण में बनी हमारी तकनीक का इस्तेमाल रक्षाहीन अल्पसंख्यक आबादी को दबाने के लिए नहीं किया जाता है।
एआई और सर्विलांस उद्योग से संबंधित हैं ब्लैकलिस्टेड कंपनियां
हाईकेविजन के एक प्रवक्ता ने अमेरिका के इस फैसला पर कड़ा विरोध जताया है। प्रवक्ता ने कहा कि अमेरिका के इस फैसले से वैश्विक कंपनियों द्वारा पूरी दुनिया में मानव अधिकारों की बेहतरी के लिए किए जा रहे प्रयासों पर प्रभाव पड़ेगा।
चीनी टेलीकॉम उपकरण निर्माता हुवावे के खिलाफ भी उठाए थे कदम