एबॉट की यह टेस्टिंग किट बहुत छोटी और हल्की है। इससे इसे आसानी से एक जगह से दूसरी जगह पर ले जाया जा सकता है। एबॉट का लक्ष्य महीने भर के अंदर करीब 50 लाख टेस्टिंग किट बनाना है। यह उन जगहों के लिए सबसे कारगर साबित हो सकती है, जहां कोरोना वायरस के ज्यादा मामले सामने आ रहे हैं। एबॉट की इस किट में जांच के लिए केवल खून की एक बूंद की जरूरत होगी।
यह टेस्टिंग किट केवल सरकारी या मंजूरी के बाद प्राइवेट लैब में बेची जाएगी। इस किट की न बिक्री होगी और न इसे सीधे ग्राहकों को दिया जाएगा। प्रति टेस्ट की कीमत 500 रुपये से 1000 रुपये तक के बीच तय की जाएगी। दुनियाभर में जहां इसकी भारी मांग है वहां भारत में इसकी कितनी सप्लाई होती है यह देखना होगा। हालांकि, सूत्रों के मुताबिक भारतीय बाजार को देखते हुए कंपनी सबसे पहले भारत में ही सप्लाई करेगी।
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि एबॉट के पोर्टफोलियो में प्वांट-ऑफ-केयर टेस्ट किट COVID-19 डायग्नोस्टिक किट्स में से एक है। कंपनी ने हाल ही में COVID-19 के लिए अपने पोर्टेबल पॉइंट-ऑफ-केयर मॉलिक्यूलर टेस्ट के लिए USFDA की आपातकालीन स्वीकृति ली थी।दरअसल भारत में टेस्टिंग किट की कमी की वजह से यहां दूसरे बड़े देशों के मुकाबले बहुत कम लोगों की टेस्टिंग की गई है। ऐसे में किट को लेकर स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने कहा कि पांच लाख टेस्टिंग किट अमेरिका से मंगवाई गई थी।