आतंकियों को सुरक्षा बलों ने नहीं दिया संभलने का मौका,  जवान तुरंत आए हरकत में

आतंकियों को सुरक्षा बलों ने नहीं दिया संभलने का मौका   जवान तुरंत आए हरकत में

जम्मू
चावल के ट्रक में सवार होकर कश्मीर जा रहे आतंकियों को भागने का मौका सुरक्षाबलों ने नहीं दिया। चेकिंग के दौरान चालक के भागने के बाद तुरंत जवान हरकत में आए और फायरिंग शुरू हुई। इस दौरान जवानों ने ग्रेनेड दागकर आतंकियों के भागने का मंसूबा पूरा नहीं होने दिया।

इससे पहले जनवरी माह में दहशतगर्द ट्रक में सवार होकर घाटी की ओर जा रहे थे। जब सुरक्षाबलों ने तलाशी लेने पर ट्रक का केबिन खोला तो उन्होंने फायरिंग शुरू कर दी। जब तक जवान जवाबी कार्रवाई करते वह एक-एक करके आसपास के जंगल की ओर भाग खड़े हुए। इसके बाद पुलिस, सेना और सुरक्षा बलों को आतंकियों को खोजने के लिए कड़ी मशक्कत करनी पड़ी थी। कई घंटे तक संयुक्त तलाशी अभियान चलाया गया था।
इस बार पुलिस, सेना की ओर से ऑपरेशन केवल पांच बजे से आठ बजे तक चलाया गया। तीन घंटे में ही आतंकियों को ढेर कर हथियार बरामद किए गए। पुलिस अधिकारियों के मुताबिक बड़ा हमला होने की आशंका थी। सुबह जैसे ही हमला हुआ तो तुरंत जवाबी कार्रवाई कर योजना को ध्वस्त किया गया। आतंकी कहां और किस जगह पर जा रहे थे इसका एजेंसियां पता लगा रही हैं।
आतंकी मुठभेड़ के बाद प्रदेश में हाई अलर्ट
बन टोल प्लाजा पर आतंकियों से मुठभेड़ के बाद प्रदेशभर में हाई अलर्ट जारी कर दिया गया। इस दौरान बन टोल प्लाजा से लेकर कुंजवानी तक एनएच में मिलने वाले शहर के तमाम रास्तों से वाहनों को आने की अनुमति नहीं मिली। शहर के कुंजवानी, पंजतीर्थी समेत अन्य सड़कों से आवाजाही नहीं हुई।

आईजी ने आतंकियों को समर्पण के लिए कई मौके दिए
जम्मू-कश्मीर राष्ट्रीय राजमार्ग पर वीरवार सुबह मुठभेड़ में मारे गए चार संदिग्ध जैश-ए-मोहम्मद आतंकवादियों को आत्मसमर्पण का मौका भी दिया गया था। खबर मिलने पर आईजीपी मुकेश सिंह मौके पर पहुंचे और आतंकवादियों को आत्मसमर्पण करने का निर्देश दिया।

पुलिस द्वारा जारी एक वीडियो में आईजी को लाउड स्पीकर पर घोषणा करते सुना गया कि ट्रक के अंदर जो भी छिपा है वह अपने हथियार डाल दे और दोनों हाथ ऊपर करके बाहर आ जाए। आतंकवादियों ने इस घोषणा की अनदेखी की जिसके बाद भीषण मुठभेड़ हुई। आईजी के अनुसार आतंकवादियों के हथगोले फेंकने और गोली चलाने के बाद अन्य सुरक्षा बल भी मुठभेड़ में शामिल हो गए। करीब तीन घंटे तक चली मुठभेड़ में चार आतंकवादी मार गिराए गए जबकि दो पुलिसकर्मी भी घायल हुए हैं।

ट्रक में लगाई गई थी फर्जी नंबर प्लेट
जिस ट्रक से आतंकी कश्मीर जा रहे थे उस ट्रक का रजिस्ट्रेशन नंबर कश्मीर का ही था। साथ ही यह भी पता चला है कि यह नंबर प्लेट फर्जी थी। असलियत में यह नंबर महिंद्र की पिकअप का था। आतंकियों के नेटवर्क को खंगालने के लिए कश्मीर में कुछ जगहों पर भी कार्रवाई की गई है।

नौ की सुबह जम्मू-कश्मीर से पंजाब की ओर गया था ट्रक
आतंकियों को कश्मीर घाटी की ओर ले जा रहा ट्रक प्रदेश में कैसे और कब दाखिल हुआ यह एक बड़ी पहली बना हुआ है। दरअसल आतंकियों को कश्मीर ले जाने वाले इस ट्रक की मूवमेंट लखनपुर में नौ नवंबर को दर्ज हुई थी, जिसमें यह प्रदेश से बाहर सुबह साढ़े दस बजे रवाना हुआ था। सीसीटीवी फुटेज खंगालने और रिकार्ड जांचने के बाद भी इस ट्रक के लखनपुर के रास्ते प्रदेश में वापस लौटने का कोई सुराग हाथ नहीं लगा है। ऐसे में कयास लगाए जा रहे हैं कि शायद यह ट्रक किसी माइनर पोस्ट से वापस प्रदेश में दाखिल हुआ।

इससे पहले यही ट्रक एक नवंबर को सुबह आठ बजकर 51 मिनट पर लखनपुर के रास्ते प्रदेश में दाखिल हुआ था, लेकिन प्रदेश सरकार की ओर से अंतरराज्यीय रूटों पर प्रतिबंध के बावजूद इस ट्रक को यदि किसी माइनर पोस्ट से निकाला गया है तो इसे भी सुरक्षा में एक बड़ी चूक के रूप में देखा जा सकता है। क्योंकि कोरोना महामारी के चलते प्रदेश के अंतरराज्यीय रूटों में से मात्र अटल सेतु और लखनपुर को वाहनों के आवागमन के लिए खोला गया है।

 

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