आखिरी मौका है, मोर्चे का प्रदर्शन हटाओ वरना सेना बुलाने में भी संकोच नहीं करेंगे

आखिरी मौका है, मोर्चे का प्रदर्शन हटाओ वरना सेना बुलाने में भी संकोच नहीं करेंगे

बार-बार हाईकोर्ट को विश्वास दिलाने के बावजूद प्रदर्शनकारियों को धरनास्थल से हटाने में विफल रहने पर पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने गुरुवार को पंजाब सरकार को जमकर फटकार लगाई। अब हाईकोर्ट ने सरकार को आखिरी मौका देते हुए चेतावनी दी है कि अगर वह विफल रहे तो अदालत सेना बुलाने में भी संकोच नहीं करेगी।

याचिका दाखिल करते हुए चंडीगढ़ की अराइव सेफ सोसाइटी ने एडवोकेट रवि कमल गुप्ता के माध्यम से हाईकोर्ट को बताया था कि पंजाब में सिख बंदियों की रिहाई के लिए कौमी इंसाफ मोर्चा ने चंडीगढ़-मोहाली मार्ग पर मोर्चा लगाकर इसे बाधित किया है। इस मामले में जवाब मांगा गया तो सरकार के हलफनामे को अदालत की आंखों के धूल झोंकने का प्रयास करार देते हुए पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने पंजाब सरकार को फटकार लगाई थी।

सरकार की नाकामी को कोर्ट ने न्यायालय के उदार दृष्टिकोण का नतीजा बताया था और कहा था कि मंशा हो तो बड़े से बड़े प्रदर्शन को रातों-रात समाप्त करवाया जा सकता है लेकिन सरकार में इच्छाशक्ति की कमी दिखाई देती है। क्या पुलिस में 200 लोगों को प्रदर्शन स्थल से हटाने की हिम्मत नहीं है। अगर ऐसा रहा तो व्यापार प्रभावित होगा और पंजाब में कोई नहीं आएगा।

गुरुवार को सुनवाई के दौरान चंडीगढ़ प्रशासन, मोहाली प्रशासन, पंजाब सरकार, प्रदर्शनकारियों को कोर्ट ने चेतावनी भरे स्वर में आखिरी मौका दिया और अगली सुनवाई तक प्रदर्शन स्थल खाली करने को कहा। प्रदर्शनकारियों ने हाईकोर्ट को बताया कि उन्होंने राज्यपाल से मुलाकात की है और कोर्ट को विश्वास दिलाया गया कि जल्द ही विवाद के विषय पर आम सहमति बन जाएगी। 15 अगस्त को मोर्चा ने एक जुलूस निकाला जो शांतिपूर्ण था और किसी अप्रिय घटना की कोई सूचना नहीं है।

इस दौरान याची पक्ष ने कहा कि 2000 से अधिक प्रदर्शनकारियों ने यह मार्च निकाला था और इसके लिए किसी भी स्तर पर कोई अनुमति नहीं ली गई थी। इसके साथ ही यह भी कहा कि हर सुनवाई पर मामले का हल निकालने का दावा किया जाता है लेकिन कोई समाधान अभी तक नहीं निकाला गया है।

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