आईजीएमसी में कोरोनावायरस का टेस्ट करवाने वाले का तांता लग गया

 शिमला
इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल
इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल (आईजीएमसी) में कोरोनावायरस का टेस्ट करवाने वाले मरीजों का तांता लग गया। एकाएक टेस्ट करवाने की बात सुनकर अन्य मरीजों में भी हड़कंप मच गया। हालांकि, चिकित्सकों ने इन लोगों की जांच की। जांच में पाया कि इन्हें हल्की सर्दी-जुकाम है। चूंकि कोरोना का खौफ प्रदेश में इस कदर बढ़ गया है तो ऐसे में मरीज व उनके तीमारदार अस्पताल से दूरी बनाते नजर आए।

आईजीएमसी में रविवार दोपहर बाद यह मामला पेश आया है। शिमला के रहने वाले व्यक्ति ने मुंबई से फ्लाइट ली थी। फ्लाइट में कुछ विदेशी पर्यटक भी सफर कर रहे थे। लिहाजा, जब व्यक्ति शिमला आया तो तुरंत आईजीएमसी पहुंच गया। व्यक्ति ने आते ही अस्पताल को सिर पर उठा लिया। यहां पर व्यक्ति ने डॉक्टरों से कहा कि प्लीज… वह उसका कोरोनावायरस का टेस्ट कर लें। हो सके तो आइसोलेशन वार्ड में भर्ती कर उपचार भी शुरू कर दें।व्यक्ति की इस हड़बड़ाहट और दाखिल मरीजों और तीमारदारों में हड़कंप न मचे इसलिए चिकित्सकों ने प्राथमिक जांच की। जांच में सामने आया कि उक्त व्यक्ति को हल्की सर्दी हुई थी। डॉक्टरों द्वारा काउंसलिंग के बाद व्यक्ति को घर भेज दिया गया।

लेकिन अस्पताल में मचे इस बवाल के बाद से हर कोई परेशान था। डॉक्टरों पर टेस्ट करवाने को लेकर डाले गए प्रेशर ने सबको सकते में डाल दिया था। इसी तरह कुफरी से एक युवक और युवती भी हल्की सर्दी की शिकायत लेकर अस्पताल आए। सभी को प्राथमिक जांच और दवाइयां देने के बाद घर भेज दिया गया।

बारह देशों से आए लोगों के टेस्ट करने हैं चिकित्सकों ने
डॉक्टरों का दावा है कि चीन, ईरान, इटली, साउथ कोरिया, जापान, नेपाल समेत कुल बारह देशों से आए लोगों के कोरोनावायरस के टेस्ट कर उनके सैंपल जांच के लिए लैब में भेजे जाएंगे।

आईजीएमसी में दाखिल संदिग्ध मरीज की रिपोर्ट नेगेटिव, भेजा घर

हिमाचल में कोरोना वायरस के पहले संदिग्ध मरीज की रिपोर्ट नेगेटिव आने के बाद घर भेज दिया गया है। शनिवार को मरीज की तमाम जांच प्रक्रिया पूरी करने के बाद प्रबंधन ने यह फैसला लिया है। मरीज के अस्पताल से डिस्चार्ज होने के बाद अब वह अपने परिवार के सदस्यों से मिल पाएगा।

बिलासपुर का युवक दक्षिण कोरिया से दिल्ली के बाद घर पहुंचा था। बीते सोमवार को गले में खराश होने के बाद मंगलवार को एहतियात के तौर पर स्वास्थ्य विभाग को सूचित किया था। इसके बाद जिला अस्पताल में प्राथमिक उपचार के बाद आईजीएमसी रेफर किया गया।

यहां पर डॉक्टरों ने मरीज को आइसोलेशन वार्ड में दाखिल किया था। डॉक्टरों ने खून के सैंपल लेकर जांच के लिए पुणे भेजा था। शुक्रवार को मरीज के सैंपल की रिपोर्ट नेगेटिव आई और शनिवार को उन्हें घर भेज दिया गया।

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