अब बंद होगा मायावती का ड्रीम प्रोजेक्ट

इलाहाबाद। प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती के ड्रीम प्रोजेक्ट में से एक कांशीराम शहरी गरीब आवास योजना जल्द ही बंद हो जाएगी। प्रदेश के 49 जिलों में चल रही इस योजना के तहत वर्तमान में तीसरे चरण का काम हो रहा है, जिसमें कुल 24276 फ्लैट बनाए जाने हैं। प्रदेश सरकार ने इसके लिए एक अरब चालीस करोड़ पचास लाख रुपए जारी किए हैं और विकास प्राधिकरणों और आवास विकास परिषदों को आदेश दिया है कि यह काम पूरा होने के बाद योजना समाप्त कर दी जाएगी।
मुख्यमंत्री रहते मायावती ने गरीबों को अपना आशियाना उपलब्ध कराने के लिए कांशीराम आवास योजना शुरू की थी। मायावती के पांच वर्ष के कार्यकाल में दो चरणों का काम पूरा होने के बाद गरीबों को फ्लैट आवंटित कर दिए गए। विधानसभा चुनाव के कुछ पहले इस योजना के तीसरे चरण का काम शुरू हुआ। चुनाव में बहुजन समाज पार्टी को पछाड़कर समाजवादी पार्टी सत्ता में आई तो उसने मायावती के हर प्रोजेक्ट पर ब्रेक लगाना शुरू किया। इसी कड़ी में कांशीराम शहरी गरीब आवास योजना भी समाप्त करने की तैयारी की गई है।
विशेष सचिव शासन राकेश कुमार सिंह ने तीसरे चरण की योजना को समाप्त करने के लिए आदेश जारी कर दिया है। विकास प्राधिकरणों और आवास विकास परिषदों से कहा गया है कि प्लिन्थ लेबिल से ऊपर के भौतिक प्रगति वाले भवनों का निर्माण कार्य पूरा करने के बाद आगे काम नहीं होगा। यह भी शर्त रखी गई है कि तीसरे चरण के लिए स्वीकृत धनराशि का उपयोग 15 जनवरी तक करके उपयोगिता प्रमाण पत्र शासन एवं महालेखाकार को 20 जनवरी तक उपलब्ध करा दिया जाए।
इलाहाबाद में बन रहे हैं 416 फ्लैट
इलाहाबाद। कांशीराम आवास योजना के तीसरे चरण में इलाहाबाद में 416 फ्लैटों का निर्माण हो रहा है। इसके तहत फाफामऊ स्थित शांतिपुरम आवास योजना में 240 और झूंसी में 176 फ्लैटों का निर्माण कराया जा रहा है। इसकी कुल लागत 11 करोड़ रुपए से अधिक है, जिसमें से नौ करोड़ रूपए पूर्व में जारी किए जा चुके हैं, जबकि दो करोड़ रुपए 24 नवंबर को आवंटित किए गए हैं।

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