‘अपनी आजादी के लिए चीन से खुद लड़े तिब्बत’

बाहरी शक्ति नहीं देगी तिब्बत का साथ
सेंटर फॉर पॉलिसी अल्टरनेटिव सोसाइटी के चेयरमैन एवं स्वतंत्र विचारक मोहन गुरु स्वामी ने कहा है कि तिब्बत को अपनी स्वतंत्रता की लड़ाई स्वयं लड़नी होगी। कोई बाहरी शक्ति तिब्बत की लड़ाई नहीं लड़ेगी।

वह केवल तिब्बत को बाहरी शक्तियां केवल बल दे सकती हैं। भारत ने तिब्बती लोगों को रहने के लिए जगह दी है और समय-समय पर वित्तीय सहायता उपलब्ध करवाता है।

समय-समय पर चीन के साथ तिब्बत की स्वतंत्रता के मुद्दे पर बात भी करता है। धर्मशाला दौरे पर आए स्वतंत्र विचारक मोहन गुरु स्वामी ने मंगलवार को मुख्य बौद्ध मंदिर मैकलोडगंज में तिब्बतियन लाइब्रेरी और निर्वासित तिब्बत सरकार संसद को संबोधित किया।

भारत चीन सीमा पर ये कहा

भारत चीन सीमा पर ये कहा
उन्होंने तिब्बत समुदाय की विभिन्न सामाजिक संस्थाओं के पदाधिकारियों से बैठक कर उनके साथ विचार सांझा किए। मोहन गुरु ने कहा कि भारत-चीन बॉर्डर लाइन क्लीयर नहीं है। इसी का नतीजा है कि दोनों देश एक दूसरे पर लाइन क्रॉसिंग के आरोप लगाते हैं।

जब तब इन दोनों देशों का बॉर्डर इश्यू क्लीयर नहीं होता तब तक इसका कोई हल नहीं हो सकता है।

भारत से कुछ सीख जाएं चीनी राष्ट्रपति : सांग्ये
निर्वासित तिब्बत सरकार के प्रधानमंत्री डा. लोबसांग सांग्ये ने कहा कि भारत की लोकतांत्रिक व्यवस्था बहुत खूबसूरत है। यहां की अनेकता में एकता दिखाई देती है। आशा है कि भारत दौरे पर आ रहे चीन के राष्ट्रपति जिंगपिंग यहां से कुछ सीख कर जाएंगे और इसे चीन में लागू करेंगे।

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