इसका खुलासा उस समय हुआ जब आर.टी.आई के तहत गांव के व्यक्ति ने जानकारी मांगी। मामला आदर्श गांव देहलां का है। गांव के आर.टी.आई एक्टीविस्ट विनीत मैनन उर्फ पम्मा ने बताया कि उनके गांव के एक व्यक्ति जो पिछले काफी लंबे समय से विदेश में रह रहा है, वह चौकीदार के पद पर भी चल रहा है।
चैकों के माध्यम से पंचायत द्वारा कभी 3 तो कभी 6 महीने का वेतन उसे दिया जाता रहा है। उस व्यक्ति के विदेश चले जाने के बाद उसकी माता उसके स्थान पर पंचायत घर में जाती थी जिसके लिए उसे काम के बदले पैसे भी मिलते थे। बताया जा रहा है कि 1 अक्तूबर 2014 से 31 दिसंबर 2014 तक एक बार 6 हजार रुपए की पेमैंट 3 महीने के लिए की गई है उसके आगे फिर 1 अक्तूबर 2014 से ही 31 मार्च 2015 तक की पेमैंट 12 हजार रुपए चैक नंबर 778844 के तहत की गई है।