अकेले गुरुजी के जिम्मे 120 छात्रों का भविष्य

पिथौरागढ़। शिक्षा का अधिकार अधिनियम के बाद भी स्कूलों के हालात बदले नहीं है। ज्यादातर स्कूलों में अध्यापकों की भारी कमी है। सिनखेल प्राइमरी स्कूल में 120 छात्र-छात्राओं को तालीम देने के लिए महज एक गुरुजी है। शिक्षकों की कमी से यहां पढ़ाई पर असर पड़ रहा है। इसके अलावा विद्यालय का भवन भी जर्जरहाल में है। इन मसलों को लेकर विद्यालय प्रबंध समिति ने मुख्य शिक्षा अधिकारी (सीईओ) को ज्ञापन भेजा है। जल्द व्यवस्था में सुधार नहीं होने पर आंदोलन की चेतावनी दी गई है।
विद्यालय प्रबंधन समिति का कहना है कि अध्यापकों की कमी ग्रामीण क्षेत्र के बच्चों की पढ़ाई पर बुरी तरह मार कर रही है। स्कूल में पढ़ने वाले ज्यादातर छात्र-छात्राएं गरीब वर्ग से हैं। इस संबंध में कई बार शिक्षा अधिकारियों से गुजारिश की जा चुकी है लेकिन कोई नतीजा नहीं निकला। इसी तरह स्कूल का भवन भी खस्ताहाल है। साल 1948 में स्थापित स्कूल की इस इमारत में कभी मरम्मत भी नहीं की गई है। भवन के जीर्णशीर्ण हाल के मद्देनजर यहां पढ़ाई कराना भी जोखिमभरा हो रहा है।
विद्यालय प्रबंधन समिति के अध्यक्ष आनंद सिंह मेहरा का कहना है कि विभाग ने अगर जल्द ही दोनों मामलों पर कार्रवाई नहीं की, तो अभिभावक आंदोलन को मजबूर होंगे। सीईओ को ज्ञापन देने वालों में महेश सिंह, हेमा देवी, सुरेंद्र सिंह गुंसाई आदि शामिल थे।
उधर मुख्य शिक्षाधिकारी विनोद कुमार टम्टा ने बताया कि जिले में शिक्षकों की काफी कमी है लेकिन इसके बावजूद यहां जल्द व्यवस्था की जाएगी। वहीं विद्यालय भवन के लिए प्रस्ताव भेजने की बात भी विभागीय अधिकारियों ने कही है।

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