
काजा (लाहौल-स्पीति)। बर्फबारी के कारण स्पीति घाटी में फंसे स्कूली छात्रों को बाहर निकालने के लिए अभी तक राज्य सरकार की ओर से कोई ठोस पहल नहीं की है। धर्मशाला स्थित तिब्बतियन शिक्षण संस्थान में अध्यनरत करीब 40 स्कूली बच्चे अभी भी फंसे हुए हैं। संस्थान की और से बच्चों के अभिभावकों को सख्त हिदायत जारी की गई है कि समय पर बच्चों को धर्मशाला पहुंचाएं। ऐसे में अब हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय में तैनात पर्यटन विभाग के सहायक प्रोफेसर डा. चंद्रमोहन परशीरा ने केन्द्रीय तिब्बतियन प्रशासन के शिक्षा सचिव के नाम भेजे पत्र में ऐसे बच्चों के के लेट फीस माफ करने की अपील की है। शिक्षा सचिव को भेजे पत्र में डा. परशीरा ने कहा है कि भारी बर्फबारी के कारण स्पीति घाटी का सड़क संपर्क प्रदेश के अन्य हिस्सों से पूरी तरह कट गया है। लगातार मौसम खराब रहने से हेलीकाप्टर सेवा उपलब्ध नहीं हो पा रहा है। ऐसे में अवकाश के चलते घर आए यह सभी बच्चे स्पीति घाटी के कई गांवों में फंसे हैं। मीडिया के जरिए कई बार इन बच्चों को लेकर समाचार प्रकाशित किए गए। अभी तक इन बच्चों को लिफ्ट नहीं किया जा सका है। गरीब परिवारों से संबंध रखने वाले बच्चों को अब संस्थान से नाम कटने के साथ ही लेट फीस का भी डर सताने लगा है। डा. परशीरा ने तिब्बतियन प्रशासन से ऐसे हालात में इन बच्चों के प्रति सहानुभूति की अपील की है। डा. परशीरा ने बताया कि स्पीति घाटी में फंसे कई बच्चों के अभिभावकों पिछले एक सप्ताह से लगातार उनके संपर्क में हैं। बुधवार को उन्होंने इस मसले पर केन्द्रीय तिब्बतियन प्रशासन के शिक्षा सचिव को ई-मेल के जरिए पत्र भेजा है।