
चंबा। राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला सलूणी का भवन वर्ष 1951 में बना हुआ है, लेकिन अभी तक भवन का जीर्णोद्धार नहीं हो पाया है। इस वजह से स्कूली बच्चों को पढ़ाई करने में दिक्कतें पेश आ रही हैं। इस बारे में एसएमसी और पंचायत प्रतिनिधियों द्वारा कई बार ग्राम सभा में प्रस्ताव करके उपायुक्त और उपनिदेशक को भेजा था। अभी तक स्कूल के भवन का जीर्णोद्धार नहीं हो पाया है। अभिभावकों का कहना है कि भवन का निर्माण 1951 में स्वयं सेवी लक्ष्मीधर शर्मा ने लोगाें से पैसा इकट्ठा कर भवन बनाया था। इस समय बीत जाने पर भी इस भवन का मरम्मत कार्य नहीं हो पाया है। जब पंचायत प्रतिनिधियों ने इस बारे में सरकार को भी प्रस्ताव भेजे तो भी कुछ नहीं हुआ। एसडीएम डलहौजी ने भी स्थिति का मौका किया हुआ है और जीर्णोद्धार के लिए एसडीएम ने खुद प्रस्ताव भेजा था। पाठशाला में 500 छात्र पढ़ाई कर रहे हैं। अब हालात ऐसे हैं कि किसी भी समय भवन गिर सकता है। परीक्षाओं के समय तो बारिश होने पर पानी पेपर पर पड़ता है। अभिभावकों चतुरभुज शर्मा, मुकेश कुमार, कर्म चंद, किसू राम, कुलदीप सिंह, दिनेश कुमार, प्रेम सिंह, परस राम, पवन ठाकुर, रमेश कुमार, लेख राज, प्रेम लाल, तुला राम, टेक चंद ने बताया कि स्कूल के भवन का मरम्मत कार्य नहीं हो पाया है। प्रशासन इसके लिए कुछ भी नहीं कर पाया है। प्रशासन को कई बार इसके लिए प्रस्ताव के माध्यम से अवगत भी करवाया गया। अब लोगों को खुद ही पैसा डालकर भवन का जीर्णोद्धार कार्य करवाना पड़ेगा। उच्च शिक्षा उपनिदेशक विजय सिंह ठाकुर ने बताया कि पाठशाला द्वारा उन्हें पिछले वर्ष भवन को गिराने के लिए करीब दो लाख 22 हजार रुपए का एस्टीमेट आया था। एस्टीमेट को स्वीकृत के लिए भेजा गया है। जैसे ही राशि कार्यालय में पहुंचेगी तो राशि स्कूल प्रशासन को दे दी जाएगी।