सोलन में पकड़ा एक और भू घोटाला

सोलन। रेणुका डैम में जमीन के अधिग्रहण का उचित मुआवजा और परिवार के एक सदस्य को नौकरी दिलवाने का झांसा देकर भू माफिया ने एक गरीब अनुसूचित परिवार की जमीन हड़प ली। शातिरों ने धोखाधड़ी से पावर आफ अटारनी बनाकर हिमाचल प्रदेश पावर कारपोरेशन लिमिटेड से लाखों का मुआवजा भी डकारा।
एसआईटी सोलन ने इस धोखाधड़ी का पर्दाफाश करते हुए एक नामी बिल्डर समेत आठ लोगों पर जेल धारा 420/120 के तहत मुकदमा कसौली थाने में कायम किया है। एफआईआर में दर्ज रिपोर्ट के मुताबिक मामला वर्ष 2009 का है। तहसील कार्यालय कसौली में जमीन संबंधी फर्जी दस्तावेज तैयार किए गए हैं। उस समय के राजस्व विभाग के अधिकारी और कर्मचारी जांच के दायरे में हैं। इस पूरे प्रकरण की पुष्टि एसपी सोलन डा रमेश छाजटा ने की है।
एसपी ने बताया कि देवेंद्र पुत्र सूरत राम निवासी लाणा भल्टा तहसील पच्छाद जिला सिरमौर ने अपने ब्यान में कहा है कि वे पेशे से जमींदारी करते हैं। एक गरीब अनुसूचित परिवार से संबंध रखता है और पांचवीं कक्षा तक पढ़ा है। सिरमौर और सोलन के रहने वाले तीन रसूखदार लोग इसके घर आए और डैम में जा रही जमीन का उचित मुआवजा दिलाने और परिवार के एक सदस्य को नौकरी देने की बात की है। साथ ही पांच बीघा जमीन तबादले में दिलाने का आश्वासन दिया। उन्होंने कहा कि कागज कसौली में ही तैयार होंगे। तीनों आरोपी उसे कार में बैठाकर कुमारहट्टी में ले गए। इनके अलावा वहां एक अन्य शख्स वहां मौजूद था। इन सबने कई कागजों में हस्ताक्षर करवाए और वीडियोग्राफी भी की। शाम पांच बजे के बाद तहसील कार्यालय कसौली में ले गए और कार्यालय में इसका फोटो लेकर एक कागज पर उंगलियों के निशान कार्यालय के कर्मचारी ने लिए, जिसका नाम यह नहीं जानता है।
शिकायतकर्ता ने कहा है कि क्षेत्र के लोगों को जब प्रदेश कारपोरेशन लिमिटेड से मुआवजा मिला तो उसने भी पता किया। जहां से जानकारी मिली कि आरोपियों ने मिली भक्ति से पावर आफ आटरनी के जरिये पहले जमीन अपने नाम की और बाद में उसे ही बेच डाला। कई बार फरियाद की गई, लेकिन भूमाफिया के आगे उसकी कहीं भी नहंी चली। लिहाजा बाद में पुलिस ने यह कार्रवाई की। एसपी सोलन ने कहा कि इस मामले में राजस्व अधिकारियों व कर्मचारियों की भूमिका भी संदेह के घेरे में है। एक दिन पहले कसौली थाना में भू घोटाले का मुकदमा दर्ज हो चुका है।

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