
हमीरपुर। ग्राम सभाओं की बैठक में अपात्र बीपीएल परिवारों को बाहर का रास्ता दिखाया गया। हालांकि, विभाग के पास अभी पूरा आंकड़ा नहीं पहुंचा है। मौजूदा आंकड़े के अनुसार करीब 125 परिवार बाहर कर दिए गए हैं। यह आंकड़ा अभी बढ़ेगा। इनके स्थान पर पात्र परिवारों को शामिल किया गया। बीपीएल सूची में परिवर्तन को लेकर लोगों के गुस्से का सामना भी प्रतिनिधियों को करना पड़ा। एक पंचायत में ग्रामीणों का गुस्सा मोल लेने की बजाय नया रास्ता निकाला गया। ग्राम सभा में प्रस्ताव पारित किया गया कि बीपीएल परिवारों के चयन के लिए नए सिरे से सर्वेक्षण करवाया जाए। नादौन की भरमोटी पंचायत में 18, जलाड़ी पंचायत में नौ तथा मण पंचायत में तीन परिवारों को सूची से बाहर किया गया। गलोड़ क्षेत्र की पंचायतों में भी दो दर्जन नाम सूची से काटे गए हैं। ग्राम सभा की बैठक के दौरान खास गलोड में बीपीएल सूची से दो, लहडा में एक, गोईस में बीस लोगों के नाम बीपीएल परिवारों की सूची से काटे गए हैं। ऊहल ग्राम पंचायत में छह परिवारों, सराहकड़ पंचायत में आठ परिवारों तथा लंबलू में 12 परिवारों, चमनेड़ में नौ अपात्र परिवारों को सूची से बाहर किया गया है।
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विकास खंड बमसन की लंबलू पंचायत में ग्रामीणों ने ग्राम सभा की कार्रवाई पर आपत्ति जताई। ग्रामीणों ने प्रधान पर बिना पक्ष जाने ग्राम सभा से नाम काटने का आरोप लगाया। ग्रामीण संजीव कुमार ने बताया कि ग्राम पंचायत ने कुल 12 परिवारों के नाम काटे हैं, अधिकतर पात्र परिवार थे। ग्राम सभा की कार्रवाई का विरोध किया। मामले को लेकर उपायुक्त से शिकायत की है। उधर इस संदर्भ में पंचायत सचिव किरन बाला ने बताया कि पंचायत की कार्रवाई सदस्यों को पक्ष में लेकर हुई है।
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गलोड़ में 23 परिवारों के नाम काटे
गलोड (हमीरपुर)। क्षेत्र की विभिन्न पंचायतों में निरीक्षण के दौरान कुल 23 परिवारों के नाम बीपीएल सूचियों से हटाए गए। नारा पंचायत में बैठने की उचित व्यवस्था न होने के कारण लोगों को परेशानी झेलनी पड़ी। ग्राम सभा में आई महिलाओं व बजुर्गों को चिलचिलाती धूप में खडे़ रहना पड़ा। सभा में आए मेजर हाकम सिंह ने अव्यवस्था पर विरोध किया।
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परिवारों के चयन को लेकर विरोध
जलाड़ी पंचायत में बीपीएल सूची को लेकर विवाद हुआ। ग्राम पंचायत के विलयन सिंह ने बताया कि होम गार्ड में सेवारत हैं। पंचायत ने करीब ढाई वर्ष पहले सूची से नाम काट दिया था। पंचायत अभी भी आधा दर्जन अपात्र परिवारों को सुविधा दे रही है। ग्राम सभा की बैठक में अपात्र परिवारों के नाम नहीं काटे गए हैं।