सेब पर कहर बनकर गिरे ओले

खराहल (कुल्लू)। अचानक बिगड़ा मौसम रायसन और डोभी के सेब बागवानों पर कहर बनकर बरसा। शनिवार को हुई ओलावृष्टि से सेब की फसल को भारी नुकसान हुआ है। इस साल हिमपात और पर्याप्त बारिश से बागवानों को सेब की बंपर पैदावार की उम्मीद है। लेकिन शनिवार को कहर बनकर गिरे ओलों ने सब चौपट कर दिया।
पश्चिमी विक्षोभ के सक्रिय होने से घाटी में बारिश और ओलावृष्टि का क्रम जारी रहने से सेब, पलम तथा नाशपाती की फसलों काफी नुकसान पहुंचा है। ओलावृष्टि ने फलों को दागी बना दिया है। बागवान अरुण ठाकुर, बिहारी लाल, खेम सिंह, राम चंद तथा संजीव ने कहा कि शनिवार दोपहर बाद हुई ओलावृष्टि से सेब, नाशपाती तथा पलम को नुकसान पहुंचा है। इससे बागवानों को काफी क्षति हुई है। गौरतलब है कि कुल्लू जिला के 80 लोग बागवानी कारोबार से जुड़े हैं। हजारों परिवारों की रोजी रोटी का जरिया सेब और अन्य फलदार फसलें हैं। कुल्लू में सेब का ही करोड़ों रुपये का कारोबार होता आया है। इस साल भी बंपर पैदावार होने की उम्मीद है लेकिन शनिवार को गिरे ओलों ने बागवानों को गहरा झटका दिया है।
रायसन की बीडीसी सदस्य शकुंतला देवी और देवगढ़ पंचायत के उपप्रधान केहर चंद ने बताया कि ओलावृष्टि से बीस से 25 फीसदी सेब और अन्य फसलों को नुकसान पहुंचा है। वहीं दूसरी तरफ कुल्लू में शनिवार देर शाम तक झमाझम बारिश जारी थी। उद्यान विभाग कुल्लू के उपनिदेशक डा. बीसी राणा ने बताया कि जहां बगीचों में सेब का आकार मटर के दाने के बराबर है और ओले से प्रभावित हैं वहां बागवानों को पहला छिड़काव यूरिया एक किलो प्लस कार्बोडेेजियम 100 ग्राम और मैनकोंजैव 600 ग्राम दो लीटर पानी में घोल मिलाकर करना चाहिए। 10-12 दिनों के बाद सूक्ष्म पोषक तत्वों का भी छिड़काव करें। इससे ओले से छेदित फलों के नुकसान से काफी हद तक राहत मिलेगी। साथ ही उन्होंने कहा कि फिल्ड स्टाफ को ओलों से हुए नुकसान के आकलन करने के आदेश दिए हैं। वहीं कुल्लू के एसडीएम विनय सिंह ठाकुर ने कहा कि उद्यान विभाग के अधिकारियों को आकलन के आदेश देंगे। इसके बाद रिपोर्ट सरकार को भेजी जाएगी।

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