सूरजताल शिफ्ट होगा जिस्पा बांध स्थल!

केलांग। राष्ट्रीय महत्व की घोषित जिस्पा बांध परियोजना को लेकर प्रदेश और केंद्र सरकार की मुश्किलें बढ़ गई हैं। बांध को लेकर करीब चार सालों से जारी जिस्पा बांध संघर्ष समिति के विरोध का असर दिल्ली में कर गया। विरोध के कारण अब परियोजना प्रबंधन बांध स्थल को जिस्पा गांव से करीब 15 किलोमीटर दूर लेह की तरफ सूरजताल के पास शिफ्ट करने की योजना बना रहा है। इस सूरत में बिजली उत्पादन में पानी की सप्लाई को बांध से पावर हाउस तक पहुंचाने के लिए टनल का निर्माण नहीं करना पडे़गा। हिमाचल पावर कार्पोरेशन के मुताबिक बांध स्थल शिफ्ट होने की स्थिति में इस परियोजना से किसी गांव का विस्थापन नहीं होगा। 300 मेगावाट क्षमता वाली इस राष्ट्रीय महत्व की विद्युत परियोजना का लाहौल घाटी में जबरदस्त विरोध हो रहा है। पहले जिस्पा गांव में ही परियोजना का बांध बनाया जाना तय था लेकिन जिस्पा बांध परियोजना संघर्ष समिति के विरोध के चलते बांध स्थल को तीन किलोमीटर आगे खिसकाया गया। बावजूद इसके परियोजना के खिलाफ लोगों का विरोध जारी रहा। अब हिमाचल पावर कार्पोरेशन और केंद्र सरकार जिस्पा विद्युत परियोजना के लिए बनने वाले बांध स्थल को जिस्पा से लगभग 15 किलोमीटर दूर लेह की तरफ सूरज ताल के पास बनाने की योजना बना रही है।
एचपीसीएल के प्रबंध निदेशक डीके शर्मा ने बांध स्थल को शिफ्ट करने की बात कही है। शर्मा ने कहा कि बांध स्थल को सूरजताल के आसपास बनाने के लिए केंद्र सरकार से बातचीत चल रही है। इसके लिए डीपीआर पर काम शुरू कर दिया गया है। हालांकि बांध स्थल को शिफ्ट किए जाने से एचपीसीएल और केंद्र सरकार को करोड़ों रुपये का नुकसान उठाना पड़ सकता है। उधर संघर्ष समिति के संयोजक रिगजिन समफेल हायरपा ने कहा कि बांध स्थल शिफ्ट होने के बाद भी परियोजना का विरोध जारी रहेगा।

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