
होली (चंबा)। होली-बजोली प्रोजैक्ट की सुरंग को गांवों की ओर बनाने का विरोध कर रहे ग्रामीण प्रोजैक्ट के भूमि पूजन के अवसर पर आने वाले जीएमआर कंपनी के आला अधिकारियों से मिलेंगे। लंबे अर्से से सुरंग को लेकर विरोध का बिगुल बजा रहे ग्रामीणों ने इस बार अलग रणनीति अपनाने का निर्णय लिया है। शुक्रवार को कंपनी ने अपने 180 मेगावाट के इस प्रोजैक्ट की न्याग्रां स्थित डैम साइट पर काम शुरू करने के लिए भूमि पूजन का आयोजन रखा है। यह आयोजन सुबह सवा सात बजे के करीब होना है। इसमें कंपनी के आला अधिकारियों ने शामिल होना है। इस स्थिति को लेकर विरोध में शामिल महिला मंडलों व अन्य ग्रामीणों ने इस बार कंपनी के आला अधिकारियों से मिलकर उनसे सुरंग की दिशा दूसरी ओर करने की गुहार लगाने का निर्णय लिया है। ग्रामीणों का मत है कि अभी तक इस संबंध में कंपनी के आला अधिकारियों से बातचीत नहीं हुई है, लिहाजा वे उनके समक्ष शांतिपूर्ण तरीके से अपना पक्ष रखने की कोशिश करेंगे। इस पर भी अगर कंपनी न मानी तो फिर विरोध की नीति ही अपनाई जाएगी। ज्ञात रहे कि ग्रामीण प्रोजैक्ट की सुरंग को अपने यहां के प्राकृतिक संसाधनों व चारागाहों सहित अपने गांवों के लिए भविष्य में खतरनाक मान रहे हैं। ग्रामीणों का मानना है कि चुनिंदा ग्रामीणों के कोर्ट में हारने से कंपनी बाकी हजारों ग्रामीणों की मांग को दरकिनार नहीं कर सकती। महिला मंडलों की सदस्यों सुमना, कमला, विक्रमा हालो, अनू, कांता, अंजू, रेणू, सरला, ममता, कुंदला, कुंजो देवी, मधू, सिमरो व लीला देवी सहित अन्य ने बताया कि पहले कंपनी के आला अधिकारियों से शांतिपूर्वक अपील की जाएगी। इस पर भी बात न बनी तो वन मंत्री ठाकुर सिंह भरमौरी को उनका वादा याद दिलाएंगे। भरमौरी ने उन्होंने आश्वासन दिया था कि अगर किसी कारणवश कोर्ट का फैसला हक में नहीं आता है तो सरकार अपने स्तर पर ग्रामीणों का न्याय दिलवाएगी।