सुप्रीम कोर्ट ने ख़ारिज की संगम की याचिका, कहा, प्रणव का चुनाव सही

नई दिल्ली: प्रणब मुखर्जी के राष्ट्रपति चुने जाने के खिलाफ पीए संगमा की अपील आज बुधवार को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दी है। राष्ट्रपति का चुनाव हारने के बाद पूर्व लोकसभा अध्यक्ष पीए संगमा ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर प्रणब मुखर्जी के नामांकन को सवाल उठाए थे।

राष्ट्रपति चुनाव के दौरान संगमा ने यह आपत्ति दर्ज कराई थी कि नामांकन के वक्त प्रणब मुखर्जी भारतीय सांख्यिकी संस्थान, कोलकाता में पद पर आसीन थे। वे भाजपा की ओर से इस पद के उम्मीदवार थे।

संगमा ने राष्ट्रपति पर जाली हस्ताक्षर करने का आरोप भी लगाया था। तब संगमा यह मामला लेकर निर्वाचन आयोग के पास पहुंचे थे, लेकिन निर्वाचन आयोग ने कहा था कि अगर संगमा की कोई शिकायत है, तो उनके लिए चुनाव के बाद सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करना ठीक रहेगा।

सुप्रीम कोर्ट की पांच-सदस्यीय संविधान पीठ ने बहुमत के आधार पर दिए निर्णय में राष्ट्रपति के रूप में प्रणब मुखर्जी के निर्वाचन को सही ठहराते हुए संगमा की अर्जी खारिज कर दी। मुख्य न्यायाधीश अल्तमस कबीर की अध्यक्षता वाली पीठ ने दो के मुकाबले तीन से फैसला दिया कि संगमा की याचिका नियमित सुनवाई के योग्य नहीं है।

मुख्य न्यायाधीश ने अपनी और न्यायमूर्ति पी सदाशिवम और एस एस निझर की ओर से फैसला सुनाते हुए कहा कि यह चुनाव याचिका विचार योग्य नहीं है। इसलिए यह खारिज की जाती है। इस मामले में भिन्न मत रखने वाले अन्य दो न्यायाधीशों ने इसे सुनवाई योग्य करार दिया।

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