
चंबा। जिले में हजारों गांवों को सड़क सुविधा से जोड़ने के लिए लंबा इंतजार करना होगा। कोर्ट के डायरेक्शन के अनुसार रीजनल चीफ कंजरवेटर आफिस चंडीगढ़ की टीम के विजिट करने के बाद ही सड़कों को एनओसी मिल पाएगी। इस वजह से अभी तक टीम ने जिला में विजिट नहीं किया है। इस कारण 303 सड़कों को वन विभाग की एनओसी नहीं मिल पाई है। इन सड़कों के निर्माण में वन विभाग की जमीन बीच में रोड़ा बन रही है।
लोक निर्माण विभाग की ओर से तमाम औपचारिकताओं को पूरा करने के लिए एनओसी के लिए मामलों को आरसीसी कार्यालय चंडीगढ़ भेजा गया है। टीम के विजिट करने के बाद ही अब इन सड़कों को हरी झंडी मिल पाएंगी। बताया जा रहा है कि इनमें से 64 सड़कों को संवैधानिक रूप से स्वीकृत मिल गई थी। फाइनल स्वीकृति के लिए मामलों को भेजा गया था। इन सड़कों का भी टीम के विजिट करने के बाद ही काम शुरू हो पाएगा। इसके अलावा 151 सड़कों को हरी झंडी मिली थी। हरी झंडी मिलने के बाद भी अब इनका काम शुरू नहीं हो पाया है। इन सड़कों को भी टीम की स्वीकृति मिलने के बाद ही काम शुरू हो पाएगा। 98 सड़कों को एनओसी के लिए रिपोर्ट को सीसीएफ कार्यालय में स्वीकृति के लिए भेजा गया है।
कुछेक सड़कों के मामले तो 2004 से स्वीकृति के लिए भेजे गए हैं। 2004 से लेकर 2012 तक वन विभाग के पास 303 सड़कों के एनओसी के लिए मामले आए हैं। वन विभाग के अरण्यपाल एआररेड्डी ने बताया कि हाईकोर्ट की डायरेक्शन के अनुसार रीजनल चीफ कंजरवेटर आफिस चंडीगढ़ की टीम के विजिट करने के बाद ही सड़कों का काम शुरू हो पाएगा। उन्होंने कहा कि सड़कों के मामलों को स्वीकृति के लिए कार्यालय में भेजा गया है। स्वीकृति मिलने के बाद सड़कों का निर्माण कार्य के लिए अनुमति दे दी जाएगी। इसके लिए थोड़ा इंतजार करना पड़ सकता है।