विवि कर्मचारियों की रेशनलाइजेशन की फाइल गायब

श्रीनगर। हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल केंद्रीय विवि के कर्मचारियों के रेशनलाइजेशन को लेकर बनाई गई फाइल विश्वविद्यालय से गायब होने पर विवि कर्मचारी भड़क उठे। आक्रोशित कर्मचारियों ने उपकुलसचिव डा. एके मोहंती का घेराव किया और इस मामले में कुलसचिव से भी मिले। उन्होंने कुलसचिव से इस मामले में एफआईआर दर्ज कराने की मांग की। कर्मचारियों ने कहा कि बड़ी मुश्किल से विवि ने रेशनलाइजेशन की प्रक्रिया शुरू की, लेकिन आठ महीनों से इस मामले को लटकाया जा रहा है।
गढ़वाल केंद्रीय विवि के तीनों परिसरों में कार्यरत नॉन टीचिंग कर्मचारियों का ग्रेड पे और पदनाम केंद्रीय नियमावली के तहत कराने के लिए रेशनलाइजेशन की प्रक्रिया पूरी की जानी है। इसके लिए विवि ने छह महीने पहले एक कमेटी के माध्यम से प्रस्ताव तैयार कर यूजीसी को भेजा था। कर्मचारियों का कहना है कि यूजीसी ने इस प्रस्ताव को संशोधित रूप में भेजने को कहा है। संशोधन के लिए विवि ने पुन: प्रो. जेपी पचौरी की अध्यक्षता में दूसरी कमेटी गठित की है, लेकिन अब कमेटी को विवि फाइल उपलब्ध नहीं करा रहा है। जिसके चलते रेशनलाइजेशन प्रस्ताव भी तैयार नहीं हो पा रहा है। कर्मचारियों ने कहा कि कर्मचारियों के हितों से संदर्भित इस महत्वपूर्ण फाइल को जबरदस्ती गायब किया गया है। इस मामले को लेकर शिक्षणेत्तर कर्मचारी संघ के अध्यक्ष राजेंद्र भंडारी और महासचिव मनोज रतूड़ी के नेतृत्व में कर्मचारियों ने उपकुलसचिव डा. मोहंती का घेराव कर कड़ा विरोध जताया। इसके बाद कर्मचारियों ने कुलसचिव से मिलकर इस मामले में एफआईआर दर्ज कराने की मांग की। कुलसचिव डा. यूएस रावत ने कहा कि फाइल कहां है, इसके बारे में पूछताछ की जा रही है। फाइल न मिलने पर कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।

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क्या है रेशनलाइजेशन
श्रीनगर। गढ़वाल विवि के केंद्रीय स्वरूप में आने के बाद गढ़वाल विवि में कार्यरत कर्मचारियों के पदनाम और ग्रेड पे में परिवर्तन करने के लिए पदों का रेशनलाइजेशन होना जरूरी है। रेशनलाइजेशन होने के बाद ही विवि कर्मियों के पदनाम और ग्रेड पे में परिवर्तन संभव है। रेशनलाइजेशन होने से गढ़वाल विवि के तीनों परिसरों में कार्यरत लगभग 1200 कर्मचारियों को इसका लाभ मिलेगा।

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