
धर्मशाला। प्रदेश कांग्रेस सरकार में विभागों के बंटवारे के बाद अब नेताओं की नजर बोर्ड और निगमोें पर टिक गई है। प्रदेश के सबसे बड़े जिला कांगड़ा ने इस मर्तबा रिकार्ड दस सीटें जीतकर कांग्रेस की झोली में डाली हैं। ऐेसे में कांगड़ा को अब मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह से बोर्ड और निगमों में अध्यक्ष, उपाध्यक्ष की ताजपोशी की उम्मीद है। खासकर वीरभद्र सिंह के करीबियों में सत्ता को लेकर जंग शुरू हो गई है।
सूत्रों के मुताबिक लालबत्ती की रेस में कई निर्वाचित विधायक शामिल हैं तो वरिष्ठता के लिहाज से कई पूर्व विधायकों को भी ताजपोशी की उम्मीद है। वीरभद्र की सरकार में कांगड़ा से उनके करीबी पूर्व विधायक सुरेंद्र काकू और कांग्रेस प्रवक्ता केवल सिंह पठानिया बोर्ड और निगमों में अध्यक्ष की दौड़ में बताए जाते हैं। जबकि वरिष्ठता के लिहाज से शाहपुर से कांग्रेस नेता पूर्व मंत्री मेजर विजय सिंह मनकोटिया को भी स्थान मिल सकता है। इधर, धर्मशाला में शहरी कांग्रेस ने भी पीसीसी प्रवक्ता दिग्विजय सिंह पुरी को भी बोर्ड या निगम में जगह दिलाने के लिए लाबिंग शुरू कर दी है। इसी बीच सूत्र बताते हैं कि मंत्री पद के दावेदार रहे सुलह से विधायक जगजीवन पाल की चरचा विधानसभा उपाध्यक्ष के लिए शुरू हो चुकी है। ज्वालामुखी में भाजपा का दुर्ग ध्वस्त कर पहली बार विधायक बने संजय रतन भी वीरभद्र के करीबियों में शामिल हैं। लिहाजा उन्हें भी नए आवंटन में ताजपोशी की उम्मीद है। नीरज भारती को पहले ही सीपीएस की सीट से नवाजा जा चुका है। कुल मिलाकर नेताओं और कार्यकर्ताओं ने अंदरखाते लाबिंग शुरू कर दी है।