विधायकों की पत्नियों का बने सांझा मंच : धर्माणी

बिलासपुर : महिलाओं व लड़कियों के साथ किसी भी रूप में हो रही हिंसा व शोषण हमारे सभ्य कहलाने वाले समाज के माथे पर कलंक है व इसे मिटाने के लिए राजनीतिक नहीं अपितु सामाजिक लड़ाई लडऩी होगी। ये उद्गार मुख्य संसदीय सचिव राजेश धर्माणी ने बिलासपुर में पत्रकार वार्ता में व्यक्त किए। धर्माणी ने कहा कि उनके मन में विचार आया है कि महिलाओं के साथ हो रही घरेलू हिंसा को रोकने व हिंसा की शिकार बनीं महिलाओं की मदद के लिए प्रदेश के सभी विधायकों की पत्नियां एक सांझे मंच पर आकर कार्य करें।

एक ऐसी सामाजिक संस्था बने जिसकी सदस्य सभी विधायकों व मंत्रियों की पत्नियां बनें। इसके लिए वह स्वयं मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह की पत्नी प्रतिभा सिंह, पूर्व मुख्यमंत्री प्रो. प्रेम कुमार धूमल की पत्नी व लोक निर्माण मंत्री विद्या स्टोक्स से मुलाकात कर उनसे इस मंच की कमान संभालने का आग्रह करेंगे, साथ ही प्रदेश के सभी विधायकों की पत्नियों से भी आग्रह करेंगे कि वे राजनीतिक लड़ाई से परे हट कर सामाजिक बुराइयों व महिलाओं के साथ हो रही हिंसा व शोषण व कन्या भ्रूण हत्या के खिलाफ एकजुट होकर आवाज उठाकर प्रदेश में जागरूकता अभियान चलाएं।

यदि बात सिरे चढ़ी तो एक सामाजिक संस्था का गठन किया जाएगा जिसे सरकारी स्तर पर भी मान्यता हो तथा जिसके माध्यम से सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता व महिला कल्याण से जुड़े विभागों की मदद से प्रदेशभर में एक बड़ी मुहिम छेड़ी जा सके। राजेश धर्माणी ने कहा कि दिल्ली में हुए घिनौने रेप केस के बाद ऐसे मामलों के विरोध में पूरे देश का एकजुट होना सामाजिक क्रांति का संकेत है और पीडि़ता की मौत से सबक लेते हुए हमें ऐसी बुराइयों व अपराधों के खिलाफ लडऩा होगा।

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