चंबा। राष्ट्रीय उच्चतर शिक्षा अभियान (रूसा) प्रणाली के बारे प्रथम वर्ष के विद्यार्थियों को सही ज्ञान न होने के कारण काफी दिक्कतें आ रही हैं। मेजर और माइनर सब्जेक्ट रखने के चक्कर समझ न पाने से फ्रेशर विद्यार्थी काफी उलझन में हैं। विद्यार्थी रूसा प्रणाली के नियमों के बारे में एक-दूसरे से पूछ रहे हैं।
रूसा प्रणाली के तहत प्रथम वर्ष में साइंस, कामर्स, आर्ट्स को हटा दिया गया है। प्रथम वर्ष में प्रवेश लेने वाले विद्यार्थी कोे मनमर्जी से कोई भी दो मेजर और बाकी तीन माइनर विषय चुनने को कहा गया है। इसमें मेजर सब्जेक्ट चुनने पर एक ही दिक्कत है कि मेजर विषयों में अधिकतर 120 विद्यार्थियों को प्रवेश दिया जाएगा। बाकी के विद्यार्थी मेजर विषय नहीं पढ़ सकते हैं। उसे वही विषय माइनर में मिल सकता है। प्राचार्य पीके गुप्ता ने बताया कि प्रथम वर्ष के विद्यार्थी अपनी प्रवेश फार्म में विषय खुद न भरें। इसके लिए कालेज का स्टाफ विद्यार्थियों की पूरी मदद कर रहा है।
क्या है मेजर व माइनर का चक्कर
मेजर विषय वह हैं, जिसमें विद्यार्थी मास्टर डिग्री (एमए) करना चाहते हैं। सभी मेजर सब्जेक्टों में अधिकतर 120 विद्यार्थियों को प्रवेश दिया जाएगा। मतलब अगर अंग्रेजी विषय को 200 विद्यार्थी मेजर विषय रखना चाहते हैं, इनमें से एक सौ बीस विद्यार्थियों को तो कालेज प्रशासन मेजर विषय पढ़ने की इजाजत दे देगा और बाकी के बचे 80 विद्यार्थी अंग्रेजी को माइनर विषय के तौर पर पढ़ सकते हैं। अगर विद्यार्थी लैंग्वेज विषय को मेजर विषय चुनता है, तो अन्य कोई लैंग्वेज माइनर विषय रखना जरूरी है। अन्य विषयों में यह शर्त नहीं रखी गई है।
कालेज में खुले तीन फीस काउंटर
चंबा कालेज में फीस जमा करवाने के लिए विद्यार्थियों को दिक्कतें नहीं झेलनी पड़ेंगी। कालेज प्रशासन ने तीन फीस काउंटर खोल दिए हैं। द्वितीय व तृतीय वर्ष के कई विद्यार्थियों ने शुक्रवार को फीस भी जमा करवाई। फीस काउंटर खोलने पर एनएसयूआई के परिसर अध्यक्ष चंद नरूला, एबीवीपी कैंपस अध्यक्ष भुवनेश कुमार और एसएफआई के सुदेश राजपूत ने कालेज प्रशासन का धन्यवाद किया है।