
नाहन (सिरमौर)। भारतीय किसान संघ की जिला इकाई ने विभिन्न मांगों को लेकर शुक्रवार को यहां विरोध प्रदर्शन किया और केंद्र एवं राज्य सरकारों से किसानों की मांगों पर तत्काल कार्रवाई की मांग की। जिला इकाई के अध्यक्ष मामचंद चौधरी की अध्यक्षता में आयोजित विरोध रैली चौगान ग्राउंड से उपायुक्त कार्यालय तक गई। उन्होेंने उपायुक्त को प्रेषित ज्ञापन के माध्यम से मांग रखी कि खुदरा व्यापार में विदेशी निवेश का हिमाचल किसान संघ विरोध करता है और इसे तत्काल वापस लिया जाना चाहिए। किसानों के लंबित ऋणों को प्रदेश सरकार माफ करे। श्रम न्यायालय के समान कृषि न्यायालयों की भी स्थापना होनी चाहिए। उनमें राजस्व एवं भूमि विवाद, भूमि अधिग्रहण, सिंचाई, विद्युत, बीज एवं खाद आदि मामलों का निपटारा हो सके।
मामचंद चौधरी ने बताया कि लागत के आधार पर किसानों को लाभकारी मूल्य दिया जाए। विदेशी बैंकों में जमा काले धन को वापस भारत जाया जाए। कालेधन की राशि को समस्त ग्रामीण कृषि एवं बागवानी विकास पर एवं गरीबों के उत्थान पर खर्च किया जाए। कृषि एवं ग्रामीणों के लिए पानी की व्यवस्था प्राथमिकता के आधार पर किया जाए। विकास के नाम पर कृषि भूमि का अधिग्रहण रोका जाए और भू-अधिग्रहण कानून में अनुकूल बदलाव किया जाए। प्रदेश में बलराम जयंती को किसान दिवस घोषित किया जाए। पिछले दो वर्षों में खाद के दामों में दो सौ प्रतिशत की बढ़ोत्तरी हुई है जो किसानों एवं बागवानों के लिए घातक है इस पर सरकार गंभीरता से सोचे।
इस मौके पर किसान संघ के प्रदेश उपाध्यक्ष देवेंद्र सिंह चौहान, कोषाध्यक्ष रूपराम, जिला उपाध्यक्ष नेत्र सिंह चौधरी, योगेश श्याल, ऋषिराम, रचना देवी आदि मौजूद थे।