लोकपाल के बाद ‘राइट टू रिजेक्ट’ के लिए संघर्ष करेंगे: हजारे

वाराणसी: युवाओं से भ्रष्टाचार मिटाने और देश का भविष्य बदलने के लिए आगे आने का आह्वान करते हुए सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे ने कहा कि जन लोकपाल के बाद ‘राइट टू रिजेक्ट’ कानून के लिए संघर्ष करेंगे। यहां एक कार्यक्रम में हजारे ने कहा, ‘‘यदि केंद्र सरकार सही जन लोकपाल नहीं लाती है तो वह दिल्ली के रामलीला मैदान पर फिर सत्याग्रह करेंगे। जन लोकपाल के बाद ‘राइट टू रिजेक्ट’ कानून को भी लागू कराना है।’’

उन्होंने ऐलान किया कि वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव के मद्देनजर आगामी 30 जनवरी को पटना के गांधी मैदान से आंदोलन की शुरूआत की जायेगी और लगभग डेढ़ साल तक पूरे देश में घूमकर जनता को भ्रष्टाचार के खिलाफ जागृत करेंगे। हजारे ने कहा, ‘देश को युवा शक्ति ही बदल सकती है। युवा शक्ति यदि जग जाये तो देश की तकदीर बदलना असंभव नहीं। मैंने यहां भारत माता मंदिर में प्रण किया है कि भ्रष्टाचार के खिलाफ संघर्ष जारी रखूंगा।’

उन्होंने कहा कि संसद में बैठे लोग यदि संसदीय मर्यादा का पालन नहीं करते तो उन्हें संसद में बैठने का हक नहीं है। संसद में बैठे लोगों को किसानों की जमीन छीनने का क्या हक है? हजारे ने कहा कि 1947 में देश को आजादी जरूर मिली, लेकिन भ्रष्टाचार, गुण्डागर्दी या लूट किसी चीज में कमी नहीं आयी। इसलिये देशवासियों को आजादी की दूसरी लड़ाई लडऩे को तैयार रहना है। हजारे ने कहा कि ‘सिस्टम’ को बदलना है और इसके लिए चलने वाले संघर्ष को पूरे देश में फैलाना है।

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