
उदयपुर (कुल्लू)। भारतीय सेना से बतौर हवलदार सेवानिवृत्त हुए नोरबू पांस को गॉड-फ्रे फिलीप्स कंपनी के समारोह में रेस्क्यू अवार्ड से सम्मानित किया गया। उन्हें यह सम्मान चंडीगढ़ के होटल ताज में वीरवार को मिला।
इस सम्मान से शीत मरुस्थल जिला लाहौल स्पीति के यूरनाथ गांव के रहने वाले नोरबू पांस के साथ एक और उपलब्धि जुड़ गई है। नोरबू पांस को अवार्ड मिलने से समूची लाहौल घाटी में खुशी की लहर है। भारतीय सेना से रिटायर होने के बाद नोरबू पांस लायुल मांउट्रेरिंग एंड स्कीयर एसोसिएशन के प्रधान पद पर नियुक्त हैं। नोरबू घाटी में बर्फबारी के बीच आपदा प्रबंधन में अहम भूमिका निभाते आए हैं। घाटी के महत्वपूर्ण ट्रेकिंग रूटों और ग्लेशियरों में खासकर कांगला, बारालाचा, बातल, सरचू और चंद्रताल में लोगों को सुरक्षित रेस्क्यू कर वे अब तक कई सराहनीय काम कर चुके हैं। इन्हीं कार्यों की बदौलत उन्हें गॉड-फ्रे फिलीपस कंपनी ने रेस्क्यू अवार्ड से नवाजा है। आर्मी स्कूल गुलमर्ग में बेस्ट स्कीयर रहे नोरबू पांस ने लाहौल में भारी बर्फबारी के बीच पुलिस, होमगार्ड और विद्युत बोर्ड के कर्मचारियों को स्कीइंग से आपदा प्रबंधन के कई गुर भी सिखाए।
डीसी एसएस गुलेरिया, एसडीएम केलांग प्रशांत सरकेक, उदयपुर एसडीएम निशांत ठाकुर, नेहरू युवा केंद्र लाहौल के जिला युवा समन्वयक राम सिंह थामस, क्लब के सचिव ज्ञालछन ठाकुर, उपाध्यक्ष डा. शमशेर सिंह पुजारा ने नोरबू पांस की इस उपलब्धि पर उन्हें शुभकामनाएं दी हैं। डीसी गुलेरिया ने कहा कि दो दिन पहले अवार्ड पत्र मिलने पर नोरबू पांस को बुधवार को स्तींगरी हेलीपेड से हेलीकाप्टर से चंडीगढ़ भेज दिया था।