
नई दिल्ली: रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने कहा है कि नई दिल्ली का वाकई में एक अनोखा विशिष्ट और गौरवान्वित चरित्र है। इसके साथ ही उन्होंने व्यापार व रक्षा सहयोग तथा अंतर्राष्ट्रीय मामलों में राय-मशविरे को बढ़ावा देने की आशा जाहिर की।
पुतिन, सोमवार तड़के दिनभर के दौरे पर यहां पहुंचे। उन्होंने कहा है, ‘‘भारत के साथ मित्रता और सहयोग को प्रगाढ़ बनाना हमारी विदेश नीति की शीर्ष प्राथमिकताओं में है। और अब मैं कह सकता हूं कि उनका (भारत) वाकई में अनोखा विशिष्ट और गौरवान्वित चरित्र है।’’
पुतिन ने कहा कि द्विपक्षीय व्यापार वैश्विक संकट के असरों से उबर चुका है, और उन्हें उम्मीद है कि 2012 में द्विपक्षीय व्यापार 10 अरब डॉलर और 2015 तक 20 अरब डॉलर का आंकड़ा छू लेगा।
पुतिन ने कहा कि तमिलनाडु में कुडनकुलम परमाणु विद्युत संयंत्र उनके आपसी सहयोग का एक उदाहरण है। उन्होंने कहा है कि ‘‘हम उम्मीद करते हैं कि भारत में नए परमाणु विद्युत संयंत्रों के निर्माण पर हमारी व्यवस्था का क्रियान्वयन निकट भविष्य में शुरू हो जाएगा।’’
उन्होंने लिखा है, ‘‘भारत और रूस के बीच साझेदारी की रणनीतिक प्रकृति के परिणामस्वरूप हमारे बीच असाधारण स्तर का सैन्य व तकनीकी सहयोग बना है।’’ उन्होंने कहा है कि इसके परिणामस्वरूप मात्र सैन्य उत्पादों की खरीददारी ही नहीं होनी चाहिए, बल्कि आधुनिक हथियारों का संयुक्त विकास और नियमसम्मत उत्पादन भी होना चाहिए।