राजस्व संग्रह का लक्ष्य हासिल कर लिया गया है: चिदम्बरम

राजस्व संग्रह का लक्ष्य हासिल कर लिया गया है: चिदम्बरम

नई दिल्ली: वित्तमंत्री पी. चिदम्बरम ने वित्त वर्ष 2012-13 में चालू खाता घाटा उम्मीद के अनुरूप रहने की संभावना जताते हुए आज कहा कि गत वित्त वर्ष में 5,65,835 करोड़ रुपए का प्रत्यक्ष कर संग्रह का संशोधित अनुमान था।

अप्रत्यक्ष कर के रूप में 4,69,546 करोड़ रुपए और दूसरे कर के रूप में 2656 करोड़रुपए कुल मिलाकर 10,38,037 करोड़ रुपए के राजस्व संग्रह का लक्ष्य हासिल कर लिया गया है और राजस्व संग्रह में 16.7 प्रतिशत की वृद्धि को हासिल किया जा सकता है तथा अंतिम आंकड़े आने शेष हैं लेकिन कुल मिलाकर राजस्व संग्रह के लक्ष्य को हासिल कर लिया गया है।

उन्होंने कहा कि ई-रिटर्न भरने में तेजी आ रही है। गत वित्त वर्ष में यह आंकड़ा 2,14,86,809 पर पहुंच गया। निवेशकों और उद्यमियों के उद्देश्य से दुबई और जापान की हाल की अपनी यात्रा को संतोषजनक बताते हुए उन्होंने कहा कि प्रत्यक्ष विदेशी निवेश करने वाले उद्यमियों तथा संस्थागत विदेशी निवेश के रूप में आने वाले निवेशकों से मिलकर उन्हें भारत में निवेश करने से अवगत कराया गया है।

वित्तमंत्री ने संसद में चालू बजट सत्र में बीमा संशोधन विधेयक पारित होने की उम्मीद जताते हुए कहा कि इसके पारित होने पर पैंशन विधेयक भी पारित हो जाएगा। प्रमुख विपक्षी दल के राजी होने पर दूसरे दलों को भी इसके लिए मना लिया जाएगा।

दूरसंचार क्षेत्र की कंपनी वोडाफोन के साथ चल रहे कर विवाद को हल करने के प्रति कटिबद्धता दोहराते हुए उन्होंने कहा कि मध्यस्था के माध्यम से इसका हल होने के बाद इसके लिए भारतीय आयकर अधिनियम में आवश्यक संशोधन विधेयक लाया जाएगा।

चिदम्बरम ने कहा कि रक्षा मंत्रालय और रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डी.आर.डी.ओ.) के साथ तेल एवं गैस क्षेत्र की 31 परियोजनाओं पर वार्ता चल रही है और सी.सी.आई. की अगली बैठक में इन परियोजनाओं को मंजूरी मिल जाएगी।

चिदम्बरम ने विश्वास जताया कि चौथी तिमाही का आंकड़ा आने के बाद 2012-13 में चालू खाते का घाटा (सी.ए.डी.) स्वीकार्य और सहनीय स्तर पर आ जाएगा। अगर आप तीसरी तिमाही के आंकड़े से अचंभित हुए हैं तो संभवत: चौथी तिमाही के कम आंकड़े से भी हैरान होंगे। मेरे हिसाब से पूरे वर्ष के लिए चालू खाते का घाटा ज्यादा स्वीकार्य और वहनीय होगा।

उन्होंने कहा कि सरकार ने चालू घाटे को काबू में लाने के लिए सोने के आयात पर अंकुश लगाने तथा निर्यात को प्रोत्साहित करने में पहल की है।

Related posts