
धर्मशाला। हिमाचल प्रदेश कर्मचारी परिसंघ ने प्रदेश सरकार की ओर से स्थापित किए जाने वाले प्राधिकरण पर अपनी कुछ शर्तें रखी हैं। परिसंघ के महासचिव संजय कपूर एवं प्रधान विनोद कुमार ने सरकार से मांग की है कि ट्रिब्यूनल को कर्मचारी हित में होने पर स्थापित किया जाए। उन्होंने कहा कि पूर्व की भांति ट्रिब्यूनल में राजनीतिक हस्तक्षेप नहीं होना चाहिए। इसके अलावा कर्मचारी प्राधिकरण में न्यायिक सेवाओं से जुड़े न्यायाधीश एवं सदस्यों की नियुक्ति की जाए। उन्होंने कहा कि पूर्व में प्राधिकरण की कार्यप्रणाली पर प्रश्न चिह्न लगते रहे हैं। इसलिए यह आवश्यक है कि यदि मुख्यमंत्री की ओर से प्राधिकरण की स्थापना की जाती है तो उसमें राजनीतिक हस्तक्षेप शून्य के बराबर हो। तभी कर्मचारियों के हितों की रक्षा की जा सकती है। उन्होंने कहा कि ट्रिब्यूनल अर्थात प्राधिकरण कर्मचारियों को न्याय दिलाने का एक दरबार होता है। जहां से कर्मचारियों को बहुत सारी उम्मीदें रहती हैं। उन्होंने परिसंघ की ओर से मांग उठाई है कि ट्रिब्यूनल में कर्मचारियों के मसले एक साल के भीतर तय करें। उन्होंने कहा कि पूर्व में प्राधिकरण 20-20 वर्षों तक कर्मियों के फैसले देने में असफल रहा है। उन्होंने कहा कि यदि इसी तरह से ट्रिब्यूनल का गठन होता है तो यह कर्मचारियों के साथ राजनीतिक बेईमानी होगी। उन्होंने यह भी कहा कि यदि परिसंघ की मांग के अनुसार ट्रिब्यूनल का गठन नहीं होता है तो कर्मचारी वर्तमान प्रक्रिया से पूरी तरह संतुष्ट हैं। वहीं कर्मचारी परिसंघ ने वीरभद्र को छठी बार प्रदेश का मुख्यमंत्री बनने पर हार्दिक बधाई दी है।