यौन उत्पीड़न मामलों में एफएसएल रिपोर्ट में देरी

नई दिल्ली। हाईकोर्ट की फटकार के बावजूद दिल्ली सरकार की रोहिणी स्थित एफएसएल में तय समय में ब्लड और नमूनों की जांच नहीं हो पा रही है। निचली अदालत ने दुष्कर्म के मामले में केमिकल की कमी से डीएनए रिपोर्ट पेश करने में असाधारण देरी पर सरकार को फटकार लगाई है।
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश कामनी लाऊ ने लैब निदेशक को फटकार लगाते हुए कहा कि रिपोर्ट में देरी होने से पीड़िता को न्याय पाने में असर पड़ रहा है। कई माह से अदालत देख रही है कि फिंगर प्रिंट डीएनए रिपोर्ट इस कारण नहीं बन पा रही कि लैब में केमिकल की कमी है। अदालत ने नमूनों को लैब में जांच के लिए भेजने में देरी करने पर दिल्ली पुलिस को भी फटकार लगाई। अदालत ने कहा कि दुष्कर्म मामले में लापरवाही बरतने वाले पुलिसकर्मियों के खिलाफ भी कड़ी कार्रवाई की जाए।
अदालत ने एफएसएल के निदेशक का काम देख रहे दिल्ली सरकार के अतिरिक्त गृह सचिव जीपी सिंह को तलब कर लिया। अदालत ने उनसे जवाब मांगा कि आखिर दुष्कर्म जैसे मामलों में भी रिपोर्ट में देरी क्यों हो रही है। अदालत के निर्देश पर जीपी सिंह अदालत में पेश हुए व उन्होंने आश्वासन दिया कि भविष्य में यौन उत्पीड़न के मामलों में फिंगर प्रिंट डीएनए रिपोर्ट प्राथमिकता के आधार पर पेश की जाएगी।

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