यमुना के उफान से खतरे में देईजी मंदिर

पांवटा साहिब (सिरमौर)। प्राचीन देईजी साहिबां मंदिर पांवटा के अस्तित्व पर खतरा मंडरा गया है। तीन दिन से जारी बारिश के चलते यमुना नदी उफान पर है। इससे मंदिर की भूमि में हो रहे कटाव से सुरक्षा दीवार क्षतिग्रस्त हो गई है। वर्ष 1889 में बने प्राचीन देईजी साहिब मंदिर खतरे में हैं। श्री राधा कृ ष्ण हनुमान मंदिर के प्रथम तल पर भी पानी भर गया है। मंदिर के बाहर बनी हनुमान जी मूर्ति के कमर तक पानी पहुंच चुका है। इससे इस मंदिर पर भी संकट छा गया है। संभावित खतरे के चलते, इस क्षेत्र में श्रद्धालुओं और यात्रियों के आवागमन पर रोक लगा दी है।
मूसलाधार बारिश से रविवार देर रात को हुए भूस्खलन से दो माह पहले शुरू मंदिर सुरक्षा दीवार क्षतिग्रस्त हो गई है। प्राचीन मंदिर के सौंदर्यीकरण पर करीब 71 लाख रुपये खर्च होने हैं। तीन चरणों में सौंदर्यीकरण का कार्य निपटाया जाना है। इसमें पहले चरण में सुरक्षा दीवार कार्य, दूसरे चरण में मंदिर की कांगड़ी शैली भीति चित्रों को रि-स्टोर करवाया जाएगा। तीसरे, चरण में मंदिर के विकास और सौंदर्यीकरण होना है। लेकिन यमुना नदी के उफान पर होने से सुरक्षा दीवार क्षतिग्रस्त होने से यह कार्य जल्द पूरा होना अब संभव नहीं है। देईजी साहिब मंदिर सौंदर्यीकरण और दीवार का निर्माण कार्य इंटक के माध्यम से हो रहा है। इंडियन नेशनल ट्रस्ट आर्ट्स एंड कल्चर हेरिटेज (इंटक) प्रदेश संयोजक मालविका पठानिया ने कहा कि इस बारे सूचना मिली है।
उधर एसडीएम पांवटा श्रवण मांटा ने कहा कि प्राचीन देईजी साहिब मंदिर की नवनिर्मित सुरक्षा दीवार ढह गई है। श्री राधा कृष्ण हनुमान मंदिर के पास यमुना नदी का जलस्तर काफी बढ़ गया है। इस क्षेत्र में फिलहाल श्रद्धालुओं का आवागमन बंद कर दिया है।

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