मौत के साये में जी रहे एनएच से सटे लोग

घुमारवीं : राष्ट्रीय उच्च मार्ग-103 से सटे हजारों परिवार मौत के साये में जीने को मजबूर हो गए हैं। आलम यह है कि यह लोग सारा दिन वाहनों से उड़ रही धूल खाने को मजबूर हैं, वहीं वाहनों की आवाज व प्रदूषण से ठीक से सो भी नहीं पा रहे हैं। ध्वनि प्रदूषण व वायु प्रदूषण के चलते लोगों में विभिन्न सांस संबंधी बीमारियां फैलने की आशंका पैदा हो गई है। इतना ही नहीं, रही-सही कसर राष्ट्रीय उच्च मार्ग प्राधिकरण ने पूरी कर दी है। राष्ट्रीय उच्च मार्ग प्राधिकरण ने राष्ट्रीय उच्च मार्ग के अधीन आने वाली जमीन को तो अपने कब्जे में ले लिया परंतु इस दौरान इसकी चपेट में आए लोगों के घरों को कोई सुरक्षा मुहैया नहीं करवाई।

घरों के साथ सुरक्षा दीवार न होने के कारण व विभाग द्वारा बहुत गहराई तक मिट्टी खोद देने के कारण लोगों के मकान हवा में लटक कर रह गए हैं। उपमंडल के साथ लगती ग्राम पंचायत सेऊ के ग्रामीण संत राम, सुरेश चंद, शकुंतला देवी व संध्या देवी सहित करीब एक दर्जन ग्रामीणों ने बताया कि जरा सी बरसात शुरू होते ही सड़क से सटे लोग अनहोनी घटना के अनुमान से कांप जाते हैं। लोगों ने बताया कि अधिकांश रिहायशी मकानों में दरारें आ गई हैं तथा लोगों के कच्चे मकान गिर भी गए हैं। वे स्वयं ही तिरपाल या टीन की चादरों से जमीन की सुरक्षा कर रहे हैं फिर भी बड़े पैमाने पर भूमि कटाव जारी है।

ग्रामीणों ने बताया कि वे कई बार संबंधित अधिकारियों से भी इस समस्या को लेकर मिले परंतु उन्हें मात्र आश्वासन ही मिले जिसके चलते लोगों में विभाग के प्रति रोष पनप गया है। लोगों ने विभाग को कड़ी चेतावनी दी है कि यदि समय रहते विभाग ने उनके मकानों की सुरक्षा को लेकर कदम नहीं उठाए तो ग्रामीण अधिकारियों का उनके ही कार्यालय में घेराव करने को मजबूर हो जाएंगे। उधर, राष्ट्रीय उच्च मार्ग-103 निहारी के पास स्थित उद्यान विभाग की नर्सरी पर भी खतरे के बादल मंडराने शुरू हो गए हैं।

राष्ट्रीय उच्च मार्ग प्राधिकरण ने सड़क को चौड़ा करने के बाद मिट्टी को वहीं फैंक दिया तथा जमीन की खुदाई करके बाकी जमीन पर कोई सुरक्षा दीवार नहीं लगाई जिसके चलते विभाग की सारी जमीन ही बर्बाद हो गई जिससे क्षेत्र में उन्नत किस्म के आम व लीची के पौधे उगाने पर विपरीत असर पड़ा है। वहीं विभाग के साथ लगते 2 भवनों केगिरने का खतरा भी पैदा हो गया है।
कुलदीप शारदा, उद्यान विकास अधिकारी निहारी

यह मामला मेरे ध्यान में है तथा प्रभावित लोगों के घरों के साथ लगने वाली सुरक्षा दीवार का आकलन तैयार कर स्वीकृत के लिए आगे भेज दिया है जबकि जहां बहुत जरूरी है, वहां प्राथमिकता के आधार पर नालियां या दीवार बनाने का काम शुरू करने के आदेश अधिकारियों को दे दिए गए हैं।
आरआर मोहिला, सहायक अभियंता

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