महिलाओं को लेकर ‘माननीयों’ के ऐसे बयान!

दिल्ली गैंगरेप के बाद म‌हिलाओं के खिलाफ बयानों का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। ताजा बयान आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत और मध्य प्रदेश के उद्योग मंत्री कैलाश विजयवर्गीय की ओर से आए हैं।

आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने कहा है कि रेप की घटनाएं ‘भारत’ में नहीं ‘इं‌डिया’ में ज्यादा होती हैं। उन्होंने कहा है कि गांवों में जाइए और देखिए वहां महिलाओं का रेप नहीं होता, जबकि शहरी महिलाएं रेप का ज्यादा शिकार होती हैं।

मोहन भागवत ने कहा है कि रेप जैसी घटनाओं को रोकने के ‌लिए महिलाओं के प्रति नजरिया बदलने की जरूरत है। वहीं, भाजपा नेता कैलाश विजयवर्गीय ने कहा है ‘महिलाएं मर्यादा न लांघें नहीं तो रावण हरण के लिए बैठा है।’

कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि महिलाओं को नैतिक सीमाएं लांघने पर दंड मिलता है। उन्होंने कहा कि महिलाएं मर्यादा में रहें वरना रावण हरण के लिए आएगा। उन्होंने कहा कि हर व्यक्ति के लिए लक्ष्मण रेखा खींची गई है। उस लक्ष्मण रेखा को पार करने पर रावण सामने बैठा है। वो सीता हरण कर ले जाएगा।

हालांकि मोहन भागवत के बयान की राजनी‌तिक हलकों में आलोचना हो रही है। कांग्रेस नेता पीएल पुनिया ने कहा है कि भागवत गांवों की वास्तविकता से वाकिफ नहीं है। गांवों में द‌लित म‌हिलाएं रेप का सबसे ज्यादा शिकार हो रही हैं। पुनिया ने कहा कि यौन हमलों का शिकार भी दलित महिलाएं ही हो रही हैं। लेकिन ये मामले सामने ही नहीं आ पाते।

वहीं, सामाजिक कार्यकर्ता किरण बेदी ने कहा कि गांवों में होने वाली रेप की घटनाओं की रिपोर्ट ही नहीं हो पाती। दिल्ली गैंगरेप का मुद्दा इतना बड़ा बन पाया क्योंकि यहां मीडिया और युवाओं का दबाव था, जबकि गांवों में ऐसी स्थिति नहीं है।

विजयवर्गीय बयान ने मध्य प्रदेश सरकार के लिए मुश्किल खड़ी कर दी है। कांग्रेस ने विजयवर्गीय के इस बयान की आलोचना की है।

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