
सोलन। यदि आपको मनरेगा में कार्य करना है तो फिलहाल कुछ इंतजार करना पडे़गा। मनरेगा में अभी बजट नहीं है। नए कार्य शुरू करने की मनाही की जा रही है। मनरेगा में जिलाभर में नए कार्य शुरू करने के लिए पंचायतों ने आवेदन किए हैं। मगर जिला ग्रामीण अभिकरण विभाग फिलहाल नए कार्यों को शुरू करने के लिए हाथ खड़े कर रहा है।
मनरेगा में प्रतिवर्ष करोड़ों रुपये का बजट प्रदेश में विकास कार्यों के लिए पहुंचता है। इससे ग्रामीण लोग अपने निजी भूमि, सिंचाई टैंकों, भूमि सुधार, पेयजल योजनाओं आदि में काफी कार्य करते हैं। यह कार्य वर्षभर चलते रहते हैं। मगर इस बार लगभग पिछले दो माह से इन कार्यों को करने के लिए मनाही की जा रही है।
मनरेगा में आने वाले करोड़ो रुपए के बजट प्रदेश में चुनावी आचार संहिता के चलते लटक गया है। पंचायती राज विभागाें में 04 अक्तूबर से 28 दिसंबर, 2012 तक आचार संहिता लगी रही, तब तक नए कार्य शुरू करने में पूरी तरह से रोक लगा दी गई थी।
ग्रामीण क्षेत्रों में मनरेगा के तहत कार्य करने के लिए यह सबसे उपयुक्त समय रहता है। सर्दियों के मौसम में फसलों की बिजाई के बाद ग्रामीणों के पास मनरेगा में कार्य करने का काफी समय रहता है। नवंबर के बाद ग्रामीण अपनी निजी भूमि पर मनरेगा के तहत कई कार्य करते हैं। इस बार नए कार्य शुरू न होने से लोगों को मुश्किलें आ रही है। फरवरी के बाद लोग नगदी फसलों जैसे टमाटर, शिमला मिर्च आदि की बिजाई में लग जाते हैं तथा मनरेगा में कार्य करने के लिए समय नहीं मिलता।
कार्यकारी परियोजना अधिकारी राजीव सूद ने बताया कि मनरेगा के तहत आचार संहिता के चलते बजट की कमी आई थी। पांच करोड़ रुपए की डिमांड केंद्र सरकार को भेज दी गई है। जल्द ही नए कार्य शुरू करवा दिए जाएंगे।