
शिमला। वीरवार को भूकंप से उपायुक्त कार्यालय के भीतर करीब 17 लोग बुरी तरह से फंस गए। यहां अफरातफरी का माहौल बन गया। वहीं सूचना पाते ही दो मिनट के भीतर फायर ब्रिगेड टीम यहां पहुंच गई और राहत कार्य में जुट गई। सभी लोगों को सुरक्षित निकाल लिया गया। चौंकिए मत, यह सचमुच की आपदा आने पर बचाव के लिए मॉकड्रिल का नजारा है। मॉकड्रिल में राष्ट्रीय आपदा मोचन बल बठिंडा, पुलिस, फायर ब्रिगेड और गृह रक्षकों ने हिस्सा लिया।
उधर, उपायुक्त सुभाषीश पांडा ने बचत भवन में राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की कार्यशाला के समापन पर कहा कि अधिक से अधिक लोगों को आपदा के प्रति जागरूक करना होगा। प्राकृतिक व मानव जनित आपदा किसी भी समय घटित हो सकती है, जिससे निपटने के लिए सेना की भांति जिला प्रशासन, पुलिस, नागरिक सुरक्षा, अग्नि शमन, विभिन्न विभागों के अधिकारियों, स्वयंसेवी संस्थाओं और आम नागरिकों को तैयार रहना चाहिए।
कार्यशाला में जिला एवं सत्र न्यायाधीश पीएस राणा के अलावा जिला न्यायालय के अन्य न्यायाधीशों ने भी हिस्सा लिया। राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के वरिष्ठ विशेषज्ञ बिग्रेडियर वीके खन्ना (रिटायर) ने कहा कि प्राकृतिक आपदाओं से निपटने के लिए प्रशासन के साथ-साथ अन्य विभागों के अधिकारियों एवं संगठनों को हमेशा तैयार रहना चाहिए। इस अवसर पर अतिरिक्त जिला दंडाधिकारी प्रोटोकोल रामकुमार गौतम, उप मंडल अधिकारी राजीव कुमार, कमांडेंट गृह रक्षक मदन लाल, पुलिस उप अधीक्षक सिटी के अलावा जिले के विभागीय अधिकारियों ने हिस्सा लिया।