
बेनजीर भुट्टो की पांचवी बरसी के मौके पर बड़ी संख्या में लोग और पाकिस्तान पिपुल्स पार्टी के समर्थक भुट्टो के पुश्तैनी मकान पर जमा हुए। हालांकि इसे बिलावल भुट्टो के शक्ति प्रदर्शन के तौर पर देखा जा रहा है।
बिलावल अभी 24 साल के हैं और जब तक वो 25 साल के नहीं हो जाते तब तक चुनाव नहीं लड़ सकते। अगले साल यानी 2013 में वहां संसदीय चुनाव होने हैं और ‘पीपीपी’ आसिफ अली ज़रदारी के बजाय बिलावल को अपने नेतृत्व के तौर पर देख रही है।
बिलावल
बेनजीर के निधन के बाद से उनके बेटे बिलावल भुट्टो ‘पीपीपी’ के अध्यक्ष हैं। लेकिन इसके बावजूद बिलावल पाकिस्तान की सक्रिय राजनीति में नहीं दिखाई देते। इसकी एक वजह ये भी है कि उनकी उम्र कम है।
बेनजीर की पांचवी बरसी के मौके पर जिस तरह से ‘पीपीपी’ के लोगों ने सिंध प्रांत में शक्ति प्रदर्शन किया उससे ज़ाहिर था कि बिलावल का मैदान तैयार हो रहा है। मौके पर मौजूद बीबीसी संवाददाता शाहजेब जिलानी का कहना है कि राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी और बिलावल इस रैली को पार्टी के पक्ष में अच्छी तरह से भुना सकते हैं।
ऑक्सफोर्ड विश्विद्यालय से स्नातक करने वाले बिलावल आने वाले चुनाव में ‘पीपीपी’ ही नहीं पाकिस्तान की राजनीति में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं।
बेनजीर
पांच साल पहले 2007 में पाकिस्तान की पूर्व प्रधानमंत्री बेनज़ीर भुट्टो की हत्या एक रैली के दौरान कर दी गई थी। भारत से अलग होने के बाद पाकिस्तान में भुट्टो परिवार का अपना प्रभुत्व रहा है। खासतौर से वहां की राजनीति में। बेनजीर के पिता ने पीपीपी का गठन किया था और खुद बेनज़ीर दो बार पाकिस्तान की प्रधानमंत्री रहीं।