
फ्रांसीसी मर्द बेडरूम में एक बड़े संकट का सामना कर रहे हैं। एक नए अध्ययन से पता चला है कि उनके शुक्राणुओं की संख्या लगातार कम हो रही है। इस अध्ययन में दावा किया गया है कि फ्रांस में मर्दों के शुक्राणुओं की संख्या साल 1989 से साल 2005 के बीच एक तिहाई गिरी है।
‘ह्यूमन रिप्रोडक्शन’ नाम के जर्नल में छपे शोध के लिए 26, 600 मर्दों के वीर्य का परीक्षण किया गया। परीक्षण में पाया गया कि 16 वर्षों के भीतर इन मर्दों में 32.3% शुक्राणु घटे। हालांकि शुक्राणु संख्या अब भी प्रजनन कर पाने में पर्याप्त है लेकिन जानकार संख्या घटने के कारणों की पड़ताल के लिए और अध्ययन करना चाहते हैं।
गंभीर चेतावनी
इस अध्ययन से जुड़े डॉक्टर जोएल ला मोए कहते हैं, “हमारे अनुसार तो ये पहला अध्ययन है जिसमें शुक्राणुओं की संख्या में गंभीर कमी आई है। इस शोध को लंबी अवधि तक सारे देश में किया गया है। ये एक जन स्वास्थ्य के लिए एक गंभीर चेतावनी है।“
लेकिन ब्रिटेन के शेफ़ील्ड विश्वविद्यालय के डॉक्टर एलन पेसी इस चेतावनी से सहमत नहीं हैं। उन्होंने बीबीसी को बताया, ”शुक्राणुओं की संख्या में पाई गई गिरावट अब भी ‘नॉर्मल रेंज’ में है। डॉक्टर कहते हैं कि नर प्रजनन के लिए प्रति मिलीलीटर डेढ़ करोड़ शुक्राणुओं की ज़रुरत होती है। अध्ययन में तो प्रति मिलीमीटर चार करोड़ से अधिक शुक्राणु पाए गए हैं।“
लेकिन शुक्राणुओं की संख्या में आ रही कमी की वजह क्या है। एडिनबरा विश्वविद्यालय के प्रोफ़ेसर रिचर्ड शार्प कहते हैं, “हमारे आधुनिक लाइफ़स्टाइल में कुछ तो गड़बड़ है। शायद खान-पान या रासायनिकों से निकटता के कारण ये सब हो रहा है। लेकिन हम अब भी नहीं जानते कि इसके पीछे सबसे अहम कारण क्या है। लेकिन संभव है कि ये इन दोनों का मिश्रण हो। यानी वसा युक्त भोजन और हमारे जीवन में रसायनों की बढ़ती मौजूदगी।”