
बिलासपुर। मुख्यमंत्री बनने के बाद वीरभद्र सिंह ने अपने बिलासपुर के पहले दौरे के दौरान घोषणाओं की झड़ी लगा दी। प्रशासनिक व्यवस्था के लिए उन्होंने जहां बिलासपुर में मिनी सचिवालय बनाने की घोषणा की वहीं, वर्षों से प्रस्तावित कृत्रिम झील के निर्माण को भी हरी झंडी दी। उन्होंने कहा कि इसके लिए बजट का भी प्रावधान हो गया है।
वीरभद्र सिंह ने पहले दौरे में ही बिलासपुर के लोगों को खुशियों की सौगात दी है। बीस सूत्री कार्यक्रम एवं क्रियान्वयन समिति के अध्यक्ष राम लाल ठाकुर, सीपीएस राजेश धर्माणी और विधायक बंबर ठाकुर ने स्थानीय लोगों की मांगों को सीएम के समक्ष रखा। सीएम ने भी जनहित से जुडे़ तमाम मसलों को तवज्जो देते हुए कई बड़ी घोषणाएं की। नलवाड़ी मेले के समापन से पहले उन्होंने प्रेसवार्ता में कहा कि बिलासपुर का डीसी आफिस अब जरूरत के हिसाब से छोटा पड़ गया है। लिहाजा, यहां पर मिनी सचिवालय बनना चाहिए।
मिनी सचिवालय की घोषणा करते हुए उन्होंने बाकायदा इसके लिए भूमि चिन्हित करने के प्रशासन को निर्देश भी दिए। कहा कि बिलासपुर शहर की उन्नति के लिए अपने पिछले शासनकाल में कांग्रेस सरकार ने बैरी-दड़ोला पुल की घोषणा की थी। फोरलेन सड़क बनने के बाद इस पुल का महत्व और बढ़ जाएगा। कहा कि इसके लिए जितना भी बजट लगेगा उसका बंदोबस्त कर दिया जाएगा। गोविंद सागर पर पर्यटन की दृष्टि से अपार संभावनाएं है। पूर्व में कृत्रिम झील बनाने की योजना को अमलीजामा पहनाया जाएगा। इसके लिए धन का प्रावधान हो गया है। जल्द काम शुरू किया जाएगा। मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने कहा कि बिलासपुर के हाइड्रो इंजीनियरिंग कालेज को इस साल बजट में डाला है। इसका शिलान्यास कर जल्द कार्य शुरू किया जाएगा।
यह रहे मौजूद
बिलासपुर। इस अवसर पर डीसी डा. अजय शर्मा, एसपी अनुपम शर्मा, एडीएम प्रदीप ठाकुर, एसडीएम एमएल मेहता, पूर्व विधायक तिलक राज शर्मा, बाबू राम गौतम, जिला महिला कांग्रेस अध्यक्ष अंजना धीमान, पवना शर्मा, तेजस्वी शर्मा, महबूब खान, सुरेंद्र कौंडल, प्रताप कौंडल, विवेक कुमार, अनिल मिंटू, दीपक शर्मा, राजीव गुप्ता और नरवीर ठाकुर मौजूद रहे।