बिना लाइसेंस नहीं बजेगा म्यूजिक

ऊना। इस बार नव वर्ष के मौके पर बिना पब्लिक परफार्मेंस लाइसेंस के कोई भी होटल डीजे या पार्टी प्लेस संगीत नहीं बजा सकेगा। इंडियन म्यूजिक इंडस्ट्री के संरक्षण के लिए बने भारतीय कापीराइट कानून के तहत कोई भी संस्थान जो संगीत का उपयोग करता है, उसे लाइसेंस लेना आवश्यक होगा। बिना लाइसेंस के किसी भी दुकान, होटल या डीजे मालिक यदि संगीत बजाता है तो उसे कापीराइट कानून की धारा 51-63 के तहत गैर जमानती अपराध में नामजद किया जाएगा। सूत्रों की मानें तो प्रदेश के अधिकतर निजी होटलों सहित प्रदेश पर्यटन निगम के सरकारी होटल भी बिना लाइसेंस के ही संगीत का उपयोग कर रहे हैं। लाइसेंस की अवहेलना से न केवल सरकार के राजस्व को चूना लगाया जा रहा है, बल्कि भारतीय संगीत उद्योग को भी नुकसान पहुंच रहा है।
प्रदेश में भी हाल ही में पुलिस महानिदेशक की ओर से सभी पुलिस अधीक्षकों को उक्त कानून की अनुपालना सुनिश्चित करने के निर्देश जारी किए हैं। इसके अतिरिक्त कानून के पालन के लिए ही प्रदेश पर्यटन निगम ने भी शुरुआती तौर पर चार होटलों के लिए लाइसेंस का आवेदन कर दिया है। पब्लिक परफार्मेंस लाइसेंस जारी करने के लिए अधिकृत सोसायटी फोनोग्राफिक परफार्मेंस लिमिटेड के लाइसेंसिंग अधिकारी विवेक सूद ने बताया कि नव वर्ष सीजन के दौरान इस मसले पर पुलिस प्रशासन की मदद से सभी होटल एवं डीजे संचालकाें को जागरूक किया जाएगा।
प्रदेश भर के होटलों में अवैध रुप से बज रहे संगीत को बंद करवाने का प्रयास आरंभ कर दिया गया है। एएसपी ऊना राकेश सिंह का कहना है कि इस प्रकार के आदेश पुलिस महानिदेशक की ओर से प्राप्त हुए हैं। कापीराइट कानून के अनुसार कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।

क्या है फोनोग्राफिक परफार्मेंस लिमिटेड
भारतीय कापीराइट एक्ट की धारा 33 (3) के तहत फोनोग्राफिक परफार्मेंस लिमिटेड (पीपीएल) पंजीकृत एवं अधिकृत सोसाइटी है जो भारतीय संगीत की सदस्य कंपनियों के साऊंड रिकार्डिंग के संरक्षण के लिए काम करती है। इसमें टी-सीरीज, एचएमवी, सोनी, यूनीवर्सल, टिप्स, वीनस सहित लगभग 130 भारतीय और विदेशी कंपनियां सदस्य हैं। कानून के तहत कोई भी संस्थान लाइसेंस हासिल कर सकता है।

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