
बारिश से टिहरी जिले में एक बच्चे की मौत हो गई। इसके साथ ही कई सड़कें अवरुद्ध होने से जगह-जगह यात्री फंसे हुए हैं। टिहरी बांध के जल स्तर में भी तेजी से वृद्धि हो रही है। ऐसे में समीपवर्ती गांवों के लोग दहशत में हैं। वर्ष 2010 में भी झील का जल स्तर बढ़ने से काफी नुकसान पहुंचा था। भिलंगना और जलकुर नदी के उफान पर होने से तटवर्ती आबादी को खतरा हो गया है। बारिश का पानी कई घरों में घुस गया है। कई स्थानों में खेती भी बारिश की भेंट चढ़ गए हैं।
टिहरी जिले में संपर्क मार्गों पर कई डेंजर जोन सक्रिय
कई सड़कें बंद, लोनिवि और बीआरओ मलबा हटाने में जुटा
अमर उजाला ब्यूरो
नई टिहरी। लगातार हो रही बारिश से राष्ट्रीय राजमार्ग सहित जिले के संपर्क मार्गों पर नए-नए डेंजर जोन सक्रिय हो रहे हैं। सुरक्षा के नाम पर लोनिवि और बीआरओ फिलहाल सिर्फ मलबा हटाने तक ही सीमित है। चंबा-ऋषिकेश राष्ट्रीय राजमार्ग पर आमसेरा सबसे अधिक सक्रिय जोन बन गया है। हल्की बारिश होने पर भी पहाड़ी से मलबा भरभरा कर गिर रहा है। यही स्थिति ताछला और खाड़ी में भी है। चंबा-धरासू राष्ट्रीय राजमार्ग डिक्यारा में नासूर बन चुका है। सड़क से करीब 200 मीटर ऊपर पहाड़ी से लगातार भूस्खलन जारी है। टिहरी-कीर्तिनगर मोटर मार्ग भैंतोगीखाल से लेकर मलेथा तक जर्जर है। सड़क मार्ग की सबसे अधिक खस्ता हालत जखंड से लेकर मालूपाणी तक बनी हुई है। घनसाली-टिहरी मार्ग की स्थिति भी जुदा नहीं है। बीपुरम,जीरो ब्रिज, असेना में पडागली के समीप भी डेंजर जोन में तब्दील हो चुका है।
टिहरी जिले में ये सड़कें हैं बंद
– चंबा-ऋषिकेश राष्ट्रीय राजमार्ग खाड़ी, आमसेरा, ताछला में सुबह 8 बजे से बंद
– नई टिहरी-घनसाली मार्ग टिपरी के समीप सुबह 6 बजे से अवरुद्ध
– दिल्ली-यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग अगलाड पुल और मूसरी बैंड के समीप सुबह 5 बजे से बाधित
– चंबा-धरासू राष्ट्रीय राजमार्ग डिक्यारा में सुबह 5 बजे से बंद
जगह-जगह फंसे है सैकड़ों यात्री
नई टिहरी। बारिश से सड़कें अवरुद्ध होने से चंबा-धरासू के बीच कंडीसौड़ में सैकड़ाें यात्री फंसे हुए हैं। कंडीसौड़ में होटल और लॉजों की पर्याप्त सुविधाएं न होने से लोगों को दर-दर भटकना पड़ रहा है। दिल्ली-यमुनोत्री मार्ग अगलाड पुल के समीप बंद होेने से वहां भी सैकड़ों यात्री सुबह से फंसे हैं।
झील का जलस्तर पहुंचा 754 आरएल मीटर
नई टिहरी। लगातार हो रही बारिश से टिहरी बांध की झील का जलस्तर भी तेजी से बढ़ रहा है। रविवार को झील का जलस्तर 753.80 आरएल तक पहुंच गया है। एक सप्ताह पहले जलस्तर 738 आरएल था। झील से 450 क्यूमेक्स पानी छोड़ा जा रहा है।
रविवार शाम पांच बजे झील का जलस्तर 753.80 आरएल पार कर गया है। जबकि रविवार सुबह नौ बजे तक यह 750 आरएल दर्ज किया गया था। नौ घंटे के अंतराल में झील के जल स्तर चार मीटर बढ़ा है। भागीरथी से 1100.59 और भिलंगना से 987.58 क्यूमेक्स जलभराव दर्ज किया गया है। पिछले रविवार झील का जल स्तर 738 मीटर पर था। सात दिन में ही 15.6 मीटर झील भर गई है। बीते दिन से बांध की चारों टरबाइनें चल रही है। जिनसे 12 मिलियन यूनिट विद्युत उत्पादन हो रहा है।
नंदगांव के 25 घरों में घुसा पानी
नई टिहरी। टिहरी झील के समीप बसे नंदगांव के 25 परिवारों के घरों में टिपरी-कांडीखाल मार्ग का पानी घुस गया। जिससे लोगों में भगदड़ की स्थिति बनी रही। रविवार अपराह्न करीब 12 बजे तेज बारिश के साथ ही सड़क का पानी घरों में जा घुसा। घरों के अंदर तालाब जैसी स्थिति पैदा हो गई। ग्रामीण सोहन सिंह राणा ने बताया कि घरों के अंदर पानी घुसने से आठ परिवारों को बेसिक स्कूल नंदगांव में शिफ्ट कर दिया गया है। बारिश के पानी से बुद्धिराम, सूरत राम, कीर्तिराम, झापा देवी, सोहन लाल, रुकमणी देवी, प्रेम सिंह, रतन सिंह के आवासीय भवनों को सबसे अधिक नुकसान पहुंचा है।
भिलंगना और जलकुर का जल स्तर उफान पर
घनसाली/लंबगांव। बारिश के चलते भिलंगना और जलकुर नदी भी उफान पर है। बारिश से जन जीवन बुरी तरह से प्रभावित हो रहा है। लोग घरों से बाहर नहीं निकल पा रहे है। बूढाकेदार-घनसाली मार्ग पर क्षतिग्रस्त पुल की सुरक्षा के लिए लोनिवि द्वारा लगाए गए स्टील गार्डर के टेक भी नदी में बह गए हैं। जिससे पुल को खतरा पैदा हो गया है। अर्दग्गी में अर्जुन सिंह के आवासीय घर के आगे का पुश्ता ढहने से घर को खतरा बना हुआ है। सेंदुल गांव की सिंचाई नहर भी बारिश से क्षतिग्रस्त हो गई है। जलकुर नदी के उफान पर होने से पिपलोगी पैदल पुलिया को खतरा हो गया। बैल्डोगी गांव में बाढ़ सुरक्षा कार्य जलकुर नदी का जल स्तर बढ़ने से ध्वस्त हो गए। सौंदी गांव के खेतों में गदेरे का मलबा आने से 20 हैक्टेयर भूमि को नुकसान पहुंचा है। भिलंगना केमर पट्टी के कुंडी गांव की भागदेई देवी और ममता देवी जंगल जा रहे थे कि ऊपर से मलबा गिरने से वे चोटिल हो गए।
खेत का पुश्ता टूटने से बालक जिंदा दफन
लंबगांव (टिहरी)। बारिश का कहर गरवाणगांव के महावीर असवाल के परिवार पर आफत बनकर टूटा। परिवार का इकलौता चिराग बारिश के कारण टूटे पुश्ते से खेत में जिंदा दफन हो गया। घटना के बाद कुलदीप के माता-पिता बदहवास हैं।
उपली रमोली गरवाणगांव निवासी महावीर असवाल का इकलौता बेटा कुलदीप (9) अपनी मां गुड्डी देवी के साथ खेत में धान की रोपाई कर रहा था। शनिवार शाम छह बजे झमाझम बारिश शुरू हुई। मां और बेटा मौसम की नजाकत को भांप नहीं पाए। जिस खेत में वह रोपाई कर रहे थे, अचानक उसके ऊपर के खेत का पुश्ता टूट गया। जिससे कुलदीप पत्थरों और मिट्टी के ढेर में दब गया। गांव वालों की मदद से उसे किसी तरह बाहर निकाला गया। 108 की मदद से उसे उपचार के लिए जिला चिकित्सालय उत्तरकाशी ले जाया गया। जहां डाक्टरों से उसे मृत घोषित कर दिया। घटना से पूरा गांव सदमे में है।