
ऊना। स्कूल में बच्चों के उत्पीड़न पर विभाग सख्त हो गया है। शिमला के एक निजी स्कूल में छठी कक्षा की दो छात्राओं की पिछले वर्ष 24 सितंबर को मौत हो गई थी। आरोप लगे थे कि स्कूल प्रशासन की ओर से मानसिक और शारीरिक तौर पर उत्पीड़न के बाद दोनों बच्चियों की मौत हुई। इस पर राज्य सरकार और शिक्षा विभाग ने कड़ा संज्ञान लिया है।
उपनिदेशक प्रारंभिक शिक्षा ऊना के अतिरिक्त कार्यभारी तथा उच्च शिक्षा उपनिदेशक रमेश विद्यार्थी ने शिक्षा निदेशक प्रारंभिक शिक्षा हिमाचल प्रदेश एवं राष्ट्र्रीय बाल संरक्षण आयोग के सदस्य विनोद कुमार टिक्कू को पत्र संख्या ईडीएन-यू/स्टैनो प्रशासनिक/16237-56 के माध्यम से स्कूली बच्चों को स्कूली समय में हर प्रकार का संरक्षण देने की वचनबद्धता दोहराई है। उपनिदेशक ने सभी शिक्षा खंडों, बीआरसी एवं प्रधानाचार्य डाइट देहलां को भी निकट भविष्य में आपदा प्रबंधन द्वारा सुरक्षा एवं स्कूली बच्चों की प्रताड़ना को हर हालत में रोकने के कड़े निर्देश जारी किए हैं। उन्होंने इस बारे व्यापक स्तर पर कार्य योजना को अमली जामा पहनाने का आह्वान किया है।
उन्होंने सभी खंड प्रारंभिक शिक्षा अधिकारियों, समस्त बीआरसी समन्वयक और जिला के विभिन्न अध्यापक संघों से बाल शोषण को हर संभव सरकारी एवं गैर शैक्षणिक संस्थाओं से एक जुट होकर रोकने के कड़े निर्देश दिए हैं जिससे असुरक्षा के चलते स्कूलों से बच्चों का पलायन भी रोका जा सके।