बच्चे और बुजुर्ग ही बैठेंगे टैक्सी में

शिमला। शहर में चल रही एचआरटीसी टैक्सियों पर पुलिस प्रशासन ने आंखें तरेर दी हैं। जिस मकसद से ये टैक्सियां चलाई गई हैं, उनकी अनुपालना नहीं हो रही है। इसे केवल कमाई का साधन बनाया गया है। पुलिस का कहना है कि टैक्सी की व्यवस्था बुजुर्ग, दस साल से कम उम्र के बच्चों और अक्षम व्यक्तियों के लिए की गई लेकिन इनमें आम सवारियों को ढोया जा रहा है। पुलिस का दावा है कि सोमवार से विशेष अभियान चलाया जा रहा है। जिस टैक्सी का दो बार चालान होगा, तीसरी बार उसका रूट परमिट रद कर दिया जाएगा। एक्ट में इस तरह का प्रावधान है।
पुलिस के पास शिकायतें पहुंच रही हैं कि इसमें ओवरलोडिंग हो रही है। रूट पर टैक्सियां नहीं चलतीं। जहां सवारियां दिखती हैं, टैक्सी उसी तरफ मोड़ देते हैं। इतना ही नहीं, वरिष्ठ नागरिकों को बैठने के लिए जगह ही नहीं मिलती। जितने ट्रिप निर्धारित किए गए हैं उससे ज्यादा चलते हैं। ड्राइविंग लाइसेंस पर कोई चेक नहीं है, इसके साथ ही ओवर स्पीड की भी शिकायतें आ रही हैं। एचआरटीसी का भी इन टैक्सियों पर कोई नियंत्रण नहीं है और न ही कभी इनकी चेकिंग की जहमत उठाई।
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ये है जरूरी
– नेम प्लेट और वर्दी
– नौ से ज्यादा सवारियां नहीं
– ई- टिकट
– टैक्सी केवल बुजुर्ग, बच्चे और अक्षम
– रूट से बाहर टैक्सी नहीं चलेगी
(पुलिस अधीक्षक अभिषेक दुल्लर के मुताबिक)

चलाया जाएगा विशेष अभियान : एसपी
पुलिस अधीक्षक अभिषेक दुल्लर ने कहा कि दो बार चालान के बाद संबंधित टैक्सी का रूट परमिट रद होगा। पुलिस नियमों के तहत इन पर कार्रवाई करेगी।

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