फर्जी सर्टिफिकेट बनाने पर एक वर्ष कारावास

चौपाल (अंकेश सूद )। अपनी बेटी का फर्जी स्कूल लीविंग सर्टिफिकेट बनाने पर न्यायालय ने स्कूल के शिक्षक को दोषी करार दिया है। न्यायालय ने दोषी को पांच हजार रुपये जुर्माना तथा एक साल के कारावास की सजा सुनाई है। अतिरिक्त जिला न्यायवादी सीएस नेगी ने बताया कि वर्ष 2003-04 में चार चानना स्कूल में तैनात शिक्षक बीर सिंह ने अपनी बेटी का फर्जी स्कूल लीविंग सर्टिफिकेट बनवाया था। आरोपी शिक्षक की बेटी शिमला के पोर्टमोर स्कूल में दसवीं कक्षा में फेल हुई थी। उसके बाद फर्जी सर्टिफिकेट के आधार पर शिक्षक ने अपनी बेटी को संजौली स्कूल शिमला में प्रवेश करवाया था। मामले की किसी व्यक्ति ने शिकायत दर्ज करवाई थी। शिकायत के बाद पुलिस ने सभी दस्तावेज न्यायालय में सामने रखे। सीएस नेगी ने कहा कि जेएमआईसी रोहड़ू धीरू ठाकुर ने चौपाल कैंप के दौरान सभी तथ्यों को सुना। न्यायालय ने फर्जी सर्टिफिकेट बनाने के आरोपी शिक्षक बीर सिंह को दोषी करार दिया है। उन्होंने कहा कि दोषी को आईपीसी की धारा 417 के तहत छह महीने का कारावास एक हजार रुपये जुर्माना, 465 के तहत छह महीने कारावास तथा एक हजार रुपये जुर्माना, 468 के तहत एक साल कारावास पांच हजार रुपये जुर्माना तथा 471 के तहत छह महीने कारावास और तीन सौ रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है।

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