
घुमारवीं (बिलासपुर)। उपमंडल घुमारवीं के तहत पंचायत समिति के बजट की सोलर लाइटों को एक पंचायत के प्रधान को डिलीवर कर दिया गया। इससे सोलर लाइट कंपनी की कार्यप्रणाली पर सवाल उठने लगे हैं। लगभग सवा चार लाख रुपये के बजट से यह लाइटें घुमारवीं वार्ड नंबर 15 के तहत विभिन्न पंचायतों में लगाई जानी थीं। लेकिन, ऐसा हुआ नहीं। बीडीसी सदस्य की शिकायत पर उपायुक्त ने संबंधित विभाग को छानबीन के निर्देश दे दिए हैं।
जानकारी के अनुसार पंचायत समिति ने 24 फरवरी को बीडीसी वार्ड 15 नंबर के लिए 20 सोलर लाइटें मंजूर करवाई थीं। सोलर लाइटें देने वाली कंपनी ने एक पंचायत में 20 डिलीवरी पंचायत समिति सदस्य की बजाय प्रधान को कर दी। प्रधान ने बाकायदा कुछ लाइटें पंचायत क्षेत्र में लगवा भी दीं। कंपनी का तर्क है कि उनके पास ऐसा कोई दस्तावेज नहीं था जिससे पता चलता कि यह लाइटें पंचायत समिति द्वारा स्वीकृत की गई थी। पंचायत समिति सदस्य धर्मपाल ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए इसकी शिकायत उपायुक्त बिलासपुर से की है। कंपनी की ओर से स्थानीय पुलिस थाना में भी इस बारे शिकायत दर्ज करवा दी गई है। इस बीच वीरवार दिनभर इस विषय को लेकर पंचायत समिति सदस्य और कंपनी के बीच वार्ता हुई। लेकिन, कोई हल नहीं निकला। कंपनी ने भरोसा दिलाया है कि इन सोलर लाइटों को वहां से हटाकर पंचायत समिति को सौंपा जाएगा। पंचायत समिति सदस्य धर्मपाल ने कहा कि इसमें भारी गलती सामने आई है। पंचायत समिति के बजट से करीब 60 हजार रुपये इसके लिए जमा करवाए गए थे। जबकि कुल बजट लगभग सवा चार लाख रुपये है। इस तरह की गलती भविष्य में न हो, इसलिए इस पर कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए। उधर, उपायुक्त रितेश चौहान ने कहा कि इस बारे में उन्होंने संबंधित विभाग को कार्रवाई के निर्देश दिए हैं।