
बरमाणा (बिलासपुर)। बरमाणा सीमेंट प्लांट से सीमेंट ढुलाई के लिए अधिकृत बिलासपुर जिला ट्रक आपरेटर्स ट्रांसपोर्ट सहकारी सभा (बीडीटीएस) ने प्रदेश के चार सीमेंट डंपों को सीमेंट ढुलाई करना बंद कर दी है। बीडीटीएस की कार्यकारिणी में लिए गए इस फैसले के बाद हजारों ट्रक खडे़ हो गए हैं। बरमाणा पार्किंग के अलावा सड़कों के किनारे भी ट्रकों की लाइनें लग गई हैं। उधर, एसीसी कंपनी ने भी इस पर कड़ा रुख अपनाते हुए पंजाब और हरियाणा राज्यों की सीमेंट डिमांड में कटौती कर दी है। जबकि प्रदेश की डिमांड को अन्य डंप साइटों से आपूर्ति करवाने की बात कही है।
बीडीटीएस ने प्रदेश के उखली, बग्गी, धनोटू और धामी के डंपों को सीमेंट की सप्लाई बंद कर दी है। इस वजह से जहां हजारों ट्रक खड़े हुए हैं वहीं एसीसी कंपनी की सप्लाई भी प्रभावित हो गई है। कंपनी प्रबंधन का कहना है कि जब तक प्रदेश के डंपों को जारी की गई डिमांड पूरी नहीं होती तब तक दूसरे प्रदेशों की डंपों की डिमांड में कटौती रहेगी। कंपनी ने पंजाब और हरियाणा राज्यों की डिमांड में काफी कटौती की है। बीडीटीएस के प्रधान लेखराम वर्मा का कहना है कि प्रदेश के इन चार डंपों से सीमेंट की सप्लाई प्रदेश के सभी जिलों को डंप होल्डरों द्वारा की जाती है जो बीडीटीएस के साथ हुए समझौते के विपरीत है।
इन डंपों को केवल उतनी गाड़ियां भेजी जा सकती हैं जितनी उस क्षेत्र में सीमेंट की खपत है। उन्होंने कहा कि बीडीटीएस का एसीसी के साथ पूरे प्रदेश को सीमेंट सप्लाई करने का समझौता हुआ है। यह चारों डंप अवैध तरीके से खोले गए हैं जो बंद होने चाहिए। जब तक इन्हें बंद नहीं किया जाता तब तक डंपों की डिमांड बंद रहेगी। उधर, बीडीटीएस के फै सले से ट्रक आपरेटरों का भी नुकसान उठाना पड़ रहा है।
प्रबंधन समिति के पूर्व सदस्य व पूर्व उपप्रधान नंद लाल ठाकुर, रजनीश ठाकुर, रमेश ठाकुर, जय सिंह ठाकुर और प्रदीप कुमार का कहना है कि सभा के प्रधान और कार्यकारिणी मनमर्जी से फैसले ले रहे हैं। इससे आम आपरेटरों को भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है। उनके अनुसार एसीसी कंपनी प्रदेश के चार डंपों को ज्यादा डिमांड दे रही थी। यह मामला मिल बैठकर सुलझा लेना चाहिए। एकाएक डिमांड बंद करना तर्क संगत नहीं है। उन्होंने बताया कि कंपनी ने मामले को गंभीरता से लेते हुए सीमेंट की सप्लाई अपने दूसरे प्लांटों बाड़ी, कर्नाटका, महाराष्ट्रा, मध्य प्रदेश, राजस्थान से लाने का फैसला लिया है। इससे बीडीटीएस को ही नुकसान होगा। उधर, एसीसी कंपनी के प्लांट मैनेजर पीके गुप्ता ने कहा कि हिमाचल प्रदेश के लिए दूसरे प्लांटों से आपूर्ति की जाएगी।