पूर्व डीसी के बेटे, एमसी कमेटी के खिलाफ केस

शिमला। शिमला के पूर्व डीसी के बेटे और नगर निगम की नक्शा स्वीकृत करने वाली कमेटी के खिलाफ सरकार से मंजूरी मिलने के बाद विजिलेंस के शिमला थाना में मुकदमा कायम किया गया है। मामला एक निजी मकान के नक्शे की स्वीकृति से जुड़ा है। विजिलेंस ने शुरुआती जांच में पाया है कि नगर निगम के तत्कालीन अफसरों ने नियमों की अवहेलना करते हुए संबंधित व्यक्ति को गलत तरीके से फायदा पहुंचाया है। इस मामले में तत्कालीन निगम आयुक्त और अन्य अफसरों से शीघ्र ही पूछताछ होगी। बताया जा रहा है कि जिस वक्त का यह मामला है, उस समय नगर निगम के आयुक्त एक आईपीएस अफसर थे जो भाजपा सरकार के करीबी माने जाते हैं। ठोस साक्ष्य मिलने पर इनकी गिरफ्तारी भी तय मानी जा रही है। हालांकि विजिलेंस ने अब तक एफआईआर में किसी भी अफसर को नामजद नहीं किया है।
कसुम्पटी में पूर्व उपायुक्त के बेटे ने निजी भवन का निर्माण किया। कुछ निर्माण मंजूर नक्शे के बाहर भी हुआ। 2009 में रिटेंशन पालिसी आई। इस व्यक्ति ने भी भवन के नियमितीकरण के लिए नगर निगम को आवेदन किया। सभी दस्तावेज जमा करवाने के बाद फोर प्लस स्टोरी की मंजूरी दे दी गई। इसकी शिकायत विजिलेंस के पास पहुंची। शुरुआती छानबीन के बाद पाया गया कि नक्शे की स्वीकृति में गड़बड़झाला हुआ है। इसकी रिपोर्ट तैयार करने के बाद नगर निगम के अफसरों के खिलाफ मुकदमा कायम करने के लिए सरकार से स्वीकृति मांगी गई। परमिशन मिलते ही विजिलेंस ने मुकदमा दे दिया। विजिलेंस का दावा है कि इस भवन की टॉप स्टोरी अवैध तौर पर पास की गई है। 2009 में रिटेंशन पालिसी के तहत दर्जनों भवनों को नियमित किया गया। भवनों के नक्शे को पास करने की अंतिम स्वीकृति पर निगम आयुक्त मुहर लगाते हैं। एपी ब्रांच से फाइल आयुक्त के पास पहुंचती है वहीं से मंजूरी मिलने के बाद आगामी कार्रवाई शुरू होती है।

………
यह है प्रक्रिया
रिटेंशन पालिसी के तहत भवन को नियमित करने के लिए सबसे पहले आवेदक का मामला नगर निगम के संबंधित इलाके के जेई के पास जाता है। सारे दस्तावेज चेक करने के बाद जेई फाइल को एपी (वास्तुकार) के पास भेजते हैं। एपी की मंजूरी के बाद फाइल अंतिम मंजूरी के बाद कमिश्नर के पास जाती है।

एमसी के खिलाफ मुकदमा : एडीजीपी
एडीजीपी विजिलेंस पृथ्वीराज ने कहा कि सरकार की मंजूरी के बाद भवन मालिक और नगर निगम के खिलाफ मुकदमा कायम किया गया है। अनियमितताओं में कौन कौन अफसर शामिल रहे हैं, इसकी जांच चल रही है। गिरफ्तारी का कोई ग्राउंड बनता होगा तो उन्हें हिरासत में लिया जाएगा।

Related posts