शिमला। राज्य के करीब सोलह हजार पुलिस कर्मचारियों की कैंटीन सुविधा बंद हो गई है। राज्य सरकार ने राजधानी शिमला में चल रही एकमात्र कैंटीन को बंद करने निर्देश जारी कर दिए हैं। कैंटीन में मौजूद करीब तीन लाख रुपये के सामान को जल्द से जल्द बेचने की तैयारी की जा रही है। सरकार ने दलील दी है कि पुलिस के लिए नियमों में कैंटीन का कोई प्रावधान नहीं है। इस निर्देश के साथ ही राज्य के दूसरे हिस्सों में 18 नई कैंटीन खोलने का प्रस्ताव भी खारिज हो गया है।
पुलिस कैंटीन को पहले भी बंद करने की नौबत आ गई थी। आबकारी एवं कराधान विभाग ने कैंटीन के लिए सामान खरीद पर वैट में छूट देने से इंकार कर दिया। पुलिस महकमे ने सरकार की अधिसूचना को गलत समझकर कई महीनों के दौरान सस्ता राशन खरीदा। आबकारी महकमे ने स्पष्ट किया कि अधिसूचना में पुलिस विभाग को वैट में छूट देकर सस्ता राशन देने का कोई प्रावधान नहीं है। आबकारी महकमे ने साफ किया कि अगर पुलिस आईटीबीपी की कैंटीन से सामान खरीदती है तो उस पर 13.75 फीसदी वैट चुकाना होगा। पुलिस महकमा सामान की खरीददारी पर आईटीबीपी को महज चार फीसदी वैट का भुगतान ही कर रहा था। आबकारी विभाग को कोई वैट नहीं दिया गया। इससे पुलिस कैंटीन में बाजार की तुलना में पुलिस के जवानों को रोजमर्रा में इस्तेमाल होने वाला सामान सस्ता मिल रहा था। वैट चुकाने की स्थिति में पुलिस कैंटीन का सामान बाजार ही तरह ही महंगा हो जाएगा। इसी मुद्दे पर सरकार के समक्ष मामला रखा गया लेकिन ऐसा कोई प्रावधान न होने के कारण इंकार कर दिया गया। शिमला शहर में तैनात पुलिस कर्मचारी कैंटीन से सस्ता सामान ले रहे थे। इसके बाद दूसरे जिलों में कैंटीन खोली जानी थी।
सरकार ने मना कर दिया : एसपी
पुलिस अधीक्षक अभिषेक दुल्लर ने कहा कि कैंटीन में करीब तीन लाख का सामान है, उसे बेचकर कैंटीन बंद कर दी जाएगी। पुलिस के लिए ऐसा कोई प्रावधान न होने के कारण सरकार ने इंकार कर दिया है। लिहाजा, अब कैंटीन नहीं चलेगी।